दुबई: श्रीलंका ने पाकिस्तान को रविवार को दुबई में खेले गए खिताबी मुकाबले में 23 रन के अंतर से मात देकर छठी बार एशिया कप के खिताब पर कब्जा कर लिया। श्रीलंका आखिरी बार साल 2014 में पाकिस्तान को ही मात देकर चैंपियन बना था। लेकिन उसके बाद उसे इस दिन के लिए 8 साल लंबा इंतजार करना पड़ा।
पाकिस्तान को किया 147 रन पर ढेर
टॉस हारने के बाद श्रीलंका ने जीत के लिए पाकिस्तान के सामने भानुका राजपक्षे की 45 गेंद में नाबाद 71, वनिंदु हसरंगा की 32 गेंद में 36 और धनंजय डिसिल्वा की 21 गेंद में 28 रन की आतिशी पारियों की बदौलत 20 ओवर में 6 विकेट पर 170 रन का स्कोर खड़ा किया था। जबकि महज 58 के स्कोर पर श्रीलंका के पांच खिलाड़ी पवेलियन लौट चुके थे। इसके बाद शानदार गेंदबाजी करते हुए श्रीलंका ने पाकिस्तान को 171 रन का विजयी लक्ष्य हासिल नहीं करने दिया और उसे 20 ओवर में 147 रन पर ढेर करके खिताब अपने नाम कर लिया।
पुरजोर समर्थन के लिए किया प्रशंसकों का शुक्रिया
खिताबी जीत हासिल करने के बाद कप्तान दसुन शनाका ने टूर्नामेंट के दौरान घर पर और दुबई में श्रीलंकाई प्रशसंको द्वारा मिले अपार समर्थन का शुक्रिया अदा करते हुए कहा, मैं यहां और श्रीलंका में मौजूद सभी दर्शकों एवं समर्थकों का हमारा पुरजोर समर्थन करने के लिए शुक्रिया अदा करता हूं। घरेलू दर्शकों के लिए कुछ विशेष हासिल किया है आशा करता हूं कि हम आपको गौरान्वित करने में सफल रहे।
इस वजह से था पहले बल्लेबाजी के बाद भी जीत का भरोसा
दुबई में अबतक खेले गए मुकाबलों में टॉस का अहम रोल रहा था। लेकिन टॉस हारने और पहले बल्लेबाजी करने के बाद भी खिताबी जीत हासिल करने के बारे में शनाका ने कहा, अगर आप आईपीएल 2021 के फाइनल को देखें तो फाइनल मुकाबले में चेन्नई की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए खिताब अपने नाम करने में सफल रही थी। इसलिए हमें पहले बल्लेबाजी करने के बाद भी खिताब जीतने का भरोसा था।
हसरंगा और राजपक्षे की साझेदारी ने पैदा किया अंतर
छठी बार एशिया कप में श्रीलंका की खिताबी जीत के बाद शनाका ने टीम के खिलाड़ियों के जज्बे की तारीफ करते हुए कहा, इस तरह ही अच्छी टीमें बनती हैं। हमारी टीम के युवा खिलाड़ी परिस्थितियों और स्थिति से अच्छी तरह वाकिफ थे। पांच विकेट गंवाने के बाद हसरंगा और राजपक्षे की साझेदारी ने अंतर पैदा किया। ये साझेदारी हमारे लिए अहम रही। चमिका करुणारत्ने और धनंजय डिलिस्वा ने भी अच्छी बल्लेबाजी की।
आखिरी गेंद के छक्के ने दिला दी थी मनोवैज्ञानिक बढ़त
अंतिम गेंद पर छक्का जड़ने के बाद जब भानुका राजपक्षे ड्रेसिंग रूप में वापस पहुंचे तो क्या चर्चा हुई? इसके जवाब में शनाका ने कहा, 20वें ओवर की आखिरी गेंद पर लगा छक्का मैच को बदलने वाला प्वाइंट था। 170 रन के लक्ष्य का हासिल करना हमेशा मुश्किल होता है। वहीं 160 के आसपास के स्कोर को हासिल करना मानसिक तौर पर सा आसान लगता है। उस छक्के ने हमें ये मनोवैज्ञानिक बढ़त दिला दी थी।
हमें मधुशंका पर था अच्छा करने का भरोसा
युवा गेंदबाज दिलशान मधुशंका द्वारा फेंके पहले ओवर के बारे में श्रीलंका के कप्तान ने कहा, ये दबाव सहन करने वाली बात थी। बतौर युवा खिलाड़ी मैं समझता हूं कि वो अच्छा कर सकता है। हमें उन्हें कुछ वक्त देना चाहिए। उसने शुरुआत में गलती की लेकिन हमने उन्हें अच्छा कर पाने का भरोसा और विश्वास दिया।
अफगानिस्तान के खिलाफ हार ने किया मंथन करने को मजबूर
एशिया कप चैंपियन बनने के बाद अफगानिस्तान के खिलाफ करारी हार के साथ टूर्नामेंट की शुरुआत करने के बारे में शनाका ने कहा, ऐसा किसी दिन किसी भी अच्छी टीम के साथ हो सकता है। हमारे साथ ऐसा अच्छी वजह से हुआ। उस मैच के बाद हमने गंभीर चर्चा की, हमें अपनी टीम और साथी खिलाड़ियों की क्षमता के बारे में पता था कि हमारे पास अच्छे खिलाड़ी हैं और वो अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए उठ खड़े हुए।
फील्डिंग में हमने अपना शत प्रतिशत दिया
फाइनल मैच में शानदार फील्डिंग और कैटिंग के बारे में कप्तान दसुन शनाका ने कहा, समय के साथ हमारी फील्ंडिंग में काफी सुधार हुआ और हम फाइनल में पहुंचे। शुरुआत में हमने गलतियां की थीं लेकिन फाइनल मुकाबला फाइनल होता है, आज हमने अपना शतप्रतिशत फील्डिंग में दिया। इसका श्रेय खिलाड़ियों और कोचिंग स्टाफ को जाता है। अंत में शनाका ने श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड और चयनकर्ताओं का भी शुक्रिया किया।
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