हेमिल्टन: भारत और न्यूजीलैंड के बीच बुधवार को तीन मैचों की वनडे सीरीज का पहला मुकाबले सेडन पार्क स्टेडियम में खेला जा रहा है। न्यूजीलैंड के कप्तान टॉम लाथम ने विराट कोहली की अगुवाई वाली टीम को टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया है। भारत की तरफ से आज के मैच में सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल और पृथ्वी शॉ वनडे डेब्यू का मौका मिला है। दोनों को सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा और शिखर धवन के चोटिल होने की वजह से टीम में जगह मिली है। न्यूजीलैंड आने से पहले ही सलामी बल्लेबाज शिखर धवन चोटिल हो गए थे और पांचवें टी20 में रोहित शर्मा भी पिंडली में चोट लगा बैठे थे। धवन के स्थान पर 20 वर्षीय पृथ्वी और रोहित के स्थान पर 28 वर्षीय मयंक को मौका दिया गया है।
विराट कोहली ने पहले वनडे से पूर्व पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि यह दुर्भाग्यवश है कि रोहित शर्मा वनडे सीरीज का हिस्सा नहीं होंगे। उनका प्रभाव हर कोई देखना चाहता है। हमारे लिए कोई प्रमुख वनडे टूर्नामेंट नहीं है, इसलिए उनके पास ठीक होने का आदर्श समय है। वनडे क्रिकेट में पृथ्वी शॉ निश्चित ही ओपनिंग करेंगे। केएल राहुल मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी करेंगे। हम चाहते हैं कि राहुल मिडिल ऑर्डर में खेलकर टीम का संतुलन बरकरार रखें।
कैसा रहा मयंक और पृथ्वी का करियर
साल 2018 में टेस्ट करियर का आगाज करने वाले मयंक अग्रवाल ने पिछले कई टेस्ट मैचों में शानदार बल्लेबाजी की है। वह अपने छोटे से टेस्ट करियर में अब तक दो दोहरे शतक जमा चुके हैं। उन्होंने अब तक महज 9 टेस्ट मुकाबले खेले हैं जिसकी 13 पारियों में उन्होंने 67.08 की औसत के साथ 872 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने 3 शतक, 2 दोहरे शतक और तीन अर्धशतक जमाए हैं। मयंक को इंग्लैंड में वनडे विश्व कप के दौरान चोटिल विजय शंकर के विकल्प के तौर पर भारतीय टीम में शामिल किया गया था लेकिन उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला था। इसके बाद उन्हें वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे सीरीज में भी शामिल किया गया लेकिन वह डेब्यू नहीं कर पाए थे
वहीं, पृथ्वी शॉ ने भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलते हुए शानदार अंदाज में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का आगाज किया था। उन्होंने साल 2028 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने डेब्यू टेस्ट में शानदार शतक जड़ा था। वह इस मुकाबले में 'प्लेयर ऑफ द मैच' भी चुने गए थे। शॉ ने वेस्टइंडीज के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज में 67.08 की औसत से 237 रन बनाए थे। इसके बाद वह टखने की चोट के कारण ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में नहीं खेल सके थे।
लेकिन भारतीय टीम को तब करारा झटका लगा था जब शॉ डोप टेस्ट में विफल होने के कारण आठ महीने के लिए प्रतिबंधित कर दिए गए। दरअसल, शॉ ने फरवरी में पिछली मुश्ताक अली ट्रॉफी के दौरान डोप परीक्षण में पाजीटिव पाए जाने के बाद जुलाई में शॉ को 8 महीने के लिए क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से प्रतिबंधित कर दिया था। शॉ ने अनजाने में एक ऐसा कफ सिरप ले लिया था, जिसमें 'टर्बुटलाइन' नामक प्रतिबंधित दवा शामिल थी। उनपर लगा प्रतिबंध पिछले साल 15 नवंबर को समाप्त हो गया।
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