पाकिस्तान क्रिकेट में आए दिन कुछ ना कुछ ऐसा होता ही रहता है जो ज्यादातर मौकों पर राजनीति से प्ररित होता है। कभी मैदान पर खिलाड़ियों की कोई हरकत आलोचनाओं की वजह बनता है तो कभी पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) को लेकर सवाल खड़े होते रहते हैं। अधिकतर मौकों पर उन्हीं के खेमे का कोई बड़ा नाम सवाल उठाता है। ताजा नाम पूर्व कप्तान व कोच मिस्बाह-उल-हक का है।
कई बार बेबाकी से अपने विचार खुलकर सामने रख चुके पाकिस्तान के पूर्व कप्तान व कोच मिस्बाह उल हक ने कहा कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के चेयरमैन को बदलने से देश के खेल में कोई अंतर नहीं आयेगा। मिसबाह ने ‘जियो न्यूज चैनल’ से कहा, "हमें अपने क्रिकेट ढांचे को चलाने के तरीके में बदलाव लाने की जरूरत है और अपनी प्राथमिकताओं को बदलने की आवश्यकता है।"
मिस्बाह उल हक ने पूर्व पीएम इमरान खान को लेकर भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के विभागीय क्रिकेट और खेलों में इनकी भूमिका को रोकने के फैसले से पाकिस्तान क्रिकेट का कोई भला नहीं हुआ। मिसबाह ने सवाल किया, "तीन साल हो गये हैं जब क्रिकेट या अन्य खेलों में कोई विभागीय या संस्थानिक भूमिका नहीं रही है और हमने अभी क्या हासिल किया है?"
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उन्होंने कहा कि ये विभाग और संस्थान जो पहले क्रिकेट पर धन राशि खर्च करते थे, वे अब कहीं और इसे खर्च कर रहे हैं। पाकिस्तान जिस तरह मौजूदा समय में कठिन आर्थिक हालातों से गुजर रहा है, उसका असर उनके क्रिकेट पर भी पड़ा है।
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