हैदराबाद: भारतीय क्रिकेट टीम के मौजूदा कोच रवि शास्त्री की कई बार आईसीसी टूर्नामेंट्स खासकर पिछले दो विश्व कप में टीम के निराशाजनक प्रदर्शन की वजह से आलोचना होती रही है। साल 2015 में ऑस्ट्रेलिया और 2019 में इंग्लैंड में आयोजित विश्व कप में भारतीय टीम सेमीफाइनल से आगे का सफर तय नहीं कर सकी।
दोनों ही बार टीम इंडिया सेमीफाइनल तक अविजेय रही। 2015 में टीम की कमान एमएस धोनी के तो 2019 में विराट कोहली के हाथों में थी। 2015 में रवि शास्त्री टीम के साथ बतौर डायरेक्टर और 2019 में हेड कोच के रूप में जुड़े थे। हालांकि रवि शास्त्री के कोच रहते भारतीय टीम आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में नंबर वन बनी। उनकी देखरेख में टीम ने पहली हार ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज पर कब्जा किया। ऐसे में उनके इस रिकॉर्ड को देखते हुए बीसीसीआई ने उनका कार्यकाल 2021 तक बढ़ा दिया।
दोनों हाथों से लपकूंगा कोच बनने का मौका
पिछले कुछ सालों में भारतीय टीम के लिए खेल चुके कई पूर्व दिग्गज टीम का कोच बनने की इच्छा जता चुके हैं। ऐसे में टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और हैदराबाद क्रिकेट संघ के मौजूदा अध्यक्ष मोहम्मद अजहरुद्दीन ने कहा है कि यदि उन्हें भारतीय टीम का कोच बनने का मौका मिलता है तो वो बगैर पलक झपकाए एक ही पल में दोनों हाथों से इसे लपक लेंगे।
गल्फ न्यूज को दिए इंटरव्यू के दौरान जब अजहर से टीम इंडिया का कोच बनने के बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, अगर मुझे टीम इंडिया के साथ काम करने का मौका मिले तो मैं अपनी ओर से योगदान देने को तैयार हूं। यदि मेरे पास कोच बनने का मौका आया तो मैं बगैर पलक झपकाए एक ही पल में इस मौके को दोनों हाथों से लपक लूंगा।'
क्यों जरूरत है इतनी संख्या में सपोर्ट स्टाफ की
कलाई से खेले जाने वाले बेजोड़ शॉट्स के लिए जाने जाने वाले अजहर ने मौजूदा दौर में टीम के साथ काम करने वाले सपोर्ट स्टाफ की संख्या पर आश्चर्य जताया। उन्होंने कहा, मुझे टीम के साथ बहुत से लोगों को जुड़ा देखकर आश्चर्य होता है। उदाहरण के लिए मेरी विशेषज्ञता अगर बैटिंग और फील्डिंग है और मैं किसी टीम का कोच हूं तो मुझे मुझे बैटिंग कोच की जरूरत नहीं होगी।
आशा करता हूं होगा आईपीएल, सबके लिए रहा है फायदे का सौदा
अजहर ने आईपील 2020 के भविष्य के बारे में चर्चा करते हुए कहा, मैं आशा करता हूं कि लीग को आयोजित करने के लिए विंडो मिल जाएगी। इस दौरान हमें कम से कम 7 लीग मैच कराने होंगे। भले ही किसी को ये पसंद आए या ना आए। लेकिन पिछले 10 से 12 सालों में इस लीग ने भारतीय क्रिकेट को बहुत कुछ दिया है।
अजहर ने कहा, ये ऐसा मंच है जहां खिलाड़ियों जल्दी पहचान मिल जाती है। यदि आईपीएल नहीं होता तो हार्दिक पांड्या और जसप्रीत बुमराह अबतक प्रथम श्रेणी क्रिकेट में संघर्ष कर रहे होते। मुझे लगता है कि हर लिहाज से आईपीएल से बीसीसीआई और खिलाड़ियों सभी का फायदा हुआ है।
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