नई दिल्ली: मोहम्मद कैफ अपने करियर के चरम पर थे जब 2004 में एमएस धोनी ने अपना इंटरनेशनल डेब्यू किया था। मगर कुछ ही सालों में मोहम्मद कैफ राष्ट्रीय टीम से अपनी जगह गंवा बैठे और फिर उनकी दोबारा कभी वापसी नहीं हुई। कैफ ने आखिरी बार भारतीय टीम की जर्सी 2006 में पहनी थी और जुलाई 2018 में उन्होंने प्रतिस्पर्धी क्रिकेट से संन्यास लिया। कोरोना वायरस महामारी के कारण क्रिकेट गतिविधि ठप्प पड़ी है और ऐसे में क्रिकेटर्स इंस्टाग्राम लाइव व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिये अपने फैंस को एंगेज रख रहे हैं।
उत्तर प्रदेशन के क्रिकेटर मोहम्मद कैफ ने हाल ही में एक रोचक किस्सा सुनाया और मजाकिया लहजे में बताया कि उनकी टीम इंडिया में दोबारा वापसी क्यों नहीं हुई। कैफ ने बताया कि 2006 में उन्होंने पूरी भारतीय क्रिकेट टीम को अपने घर पर डिनर के लिए आमंत्रित किया था। वह पहली बार खिलाड़ियों की मेजबानी कर रहे थे और उन्हें याद है कि सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली जैसे दिग्गजों की सेवा करने में वह कितना घबरा रहे थे।
कैफ ने स्पोर्टस्क्रीन से बातचीत में कहा, 'मैंने 2006 में नोएडा के अपने घर में भारतीय क्रिकेटरों को डिनर पर बुलाया था। ग्रेग चैपल, सौरव गांगुली और कई लोग आमंत्रित थे और मैं बहुत घबराया हुआ था कि इतनी बड़ी हस्तियों का ध्यान कैसे रखना है। मैं सचिन और अन्य दिग्गज खिलाड़ियों का ध्यान रखने में व्यस्त थे।'
मोहम्मद कैफ को हालांकि याद है कि तब उन्होंने अपने जूनियर्स का अच्छे से ख्याल नहीं रखा था। एमएस धोनी और सुरेश रैना उन खिलाड़ियों में से एक थे, जो अलग कमरे में बैठे थे, लेकिन कैफ खुद सीनियर खिलाड़ियों के साथ व्यस्त थे। बड़ी बात यह है कि धोनी ने मजाक में कैफ पर तंज भी कसा था कि उन्होंने घर में अच्छे से ख्याल नहीं रखा।
इस बारे में बात करते हुए कैफ ने कहा कि धोनी को तब अच्छे से बिरयानी नहीं खिलाई थीं, जो 2007 में भारतीय कप्तान बने। इस कारण उनकी राष्ट्रीय टीम में वापसी नहीं हुई। बता दें कि 2006 में कैच को भारतीय टीम से बाहर का रास्ता दिखाया गया और फिर दोबारा कभी उनकी वापसी नहीं हुई। कैफ ने मजाकिया लहजे में कहा, 'जूनियर्स एमएस धोनी, सुरेश रैना और अन्य एक कमरे में बैठे थे जबकि सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली जैसे स्टार एक कमरे में थे। मैंने अपना ज्यादातर समय सीनियर खिलाड़ियों के साथ बिताया और जूनियर्स पर अच्छे से ध्यान नहीं दिया।'
उन्होंने आगे कहा, 'एमएस धोनी को शायद महसूस हुआ कि मैंने मेजबान के तौर पर उनका अच्छे से ख्याल नहीं रखा। संभवत: यही कारण रहा कि मेरी भारतीय टीम में वापसी नहीं हुई जब धोनी 2007 में कप्तान बना (ठहाका)। धोनी हमेशा मुझसे कहता था, मैं घर आया और आपने मेरा अच्छे से ध्यान नहीं रखा।'
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