भावुक हुए सिराज ने किया खुलासा- 'खराब प्रदर्शन पर लोग बोले, जाओ ऑटो चलाओ', फिर धोनी ने ऐसे समझाया

क्रिकेट
भाषा
Updated Feb 08, 2022 | 23:07 IST

Mohammed Siraj reveals critics bashing after IPL 2019: आईपीएल 2019 में खराब प्रदर्शन के बाद मोहम्मद सिराज को क्या कुछ झेलना पड़ा और महेंद्र सिंह धोनी ने उनकी कैसे मदद की, इसका उन्होंने खुलासा किया है।

Mohammed Siraj
मोहम्मद सिराज  |  तस्वीर साभार: Instagram
मुख्य बातें
  • मोहम्मद सिराज ने आईपीएल 2019 से जुड़ा बड़ा खुलासा किया
  • जब लोगों ने दी थी क्रिकेट छोड़कर ऑटो चलाने की सलाह
  • एम एस धोनी ने समझाया था और फिर की शानदार वापसी

भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज (Mohammed Siraj) ने खुलासा किया है कि 2019 में आईपीएल (इंडियन प्रीमियर लीग) के खराब सत्र के दौरान उन्हें ‘क्रिकेट छोड़ने और अपने पिता के साथ ऑटो चलाने‘ के लिए कहा गया था लेकिन राष्ट्रीय टीम के पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी (MS Dhoni) की हौसला अफजाई ने  उनके करियर को ब्रेक लगने से बचा लिया।

सिराज ने उस दौरान नौ मैचों में लगभग 10 की इकॉनोमी रेट के साथ सिर्फ सात विकेट लिये थे। उनके खराब प्रदर्शन का खामियाजा उनकी टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर (आरसीरबी) को भी उठाना पड़ा था। उस आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर की टीम अपने शुरुआती छह मैचों में एक भी जीत दर्ज करने में नाकाम रही थी। टीम सत्र की तालिका में सबसे निचले स्थान पर थी।

वापस जाओ, ऑटो चलाओ..

इसी सत्र में कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ उन्होंने 2.2 ओवर में पांच छक्कों के साथ 36 रन लुटाये थे और दो बार बीमर गेंद (बिना टप्पा खाये बल्लेबाज के कमर से ऊंची गेंद) डालने के कारण कप्तान विराट कोहली को उन्हें आक्रमण से हटाने के लिए विवश होना पड़ा। सिराज ने  ‘आरसीबी पोडकास्ट’ से कहा, ‘‘ जब मैंने केकेआर के खिलाफ दो बीमर गेंद फेंके तो लोगों ने कहा 'क्रिकेट छोड़ो और वापस जाओ और अपने पिता के साथ ऑटो चलाओ’।’’

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धोनी ने क्या समझाया था?

उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह के ढेर सारी प्रतिक्रियाएं आयी। लोग इन सबके पीछे के संघर्ष को नहीं देखते। लेकिन मुझे याद है कि जब मैं पहली बार (राष्ट्रीय टीम के लिए) चुना गया था तो कैसे माही भाई (धोनी) ने मुझसे कहा था कि लोगों मेरे बारे में जो कुछ भी कह रहे है उसे नजरअंदाज करना चाहिये।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने मुझे समझाया था, ’आप आज अच्छा करते हैं और वे आपकी प्रशंसा करेंगे और जब बेहतर नहीं करेंगे तो लोग आपके लिए बुरे शब्दों का इस्तेमाल करेंगे। इसलिए इसे कभी भी ऐसी प्रतिक्रिया को गंभीरता से नहीं लेना चाहिये’। और हां, वही लोग जिन्होंने मुझे बार-बार ट्रोल किया और फिर बाद में कह रहे थे कि  'तुम सबसे अच्छे गेंदबाज हो भाई'।  तो मुझे किसी की प्रतिक्रिया से अब ज्यादा फर्क नहीं पड़ता। मैं आज भी वही सिराज हूं जो उस समय था।’’

युवा खिलाड़ी का संघर्ष

इस 27 वर्षीय ने तब से एक लंबा सफर तय किया है और फ्रैंचाइजी के द्वारा रिटेन किये गये तीन खिलाड़ियों में से एक है। आईपीएल 2020 में प्रभावशाली प्रदर्शन के दम पर उन्होंने ऑस्ट्रेलिया दौरे की टीम में जगह बनायी और पदार्पण के बाद ऐतिहासिक गाबा टेस्ट में शानदार पांच विकेट लेकर टीम में अपनी जगह पक्की की। इस दौरे के शुरू होने के बाद अपने पिता का निधन हो गया था लेकिन कोविड-19 के दौरान पृथकवास और बायो-बबल की जटिलताओं के कारण उन्होंने स्वदेश लौटने की जगह टीम के साथ बने रहने का फैसला किया।

सिराज ने कहा, ‘‘मेरे पिता की तबीयत 2020 से ही लगातार खराब रह रही थी। मैं जब भी उनसे बात करता था तो फोन पर हमेशा भावुक होकर रोने लगते थे। इसलिए मैंने उससे ज्यादा बात नहीं की क्योंकि उन्हें रोता देखकर मै बहुत असहाय महसूस करता था।’’ उन्होंने बताया, ‘‘ जब आईपीएल खत्म हुआ, तो मुझे किसी ने नहीं बताया कि मेरे पिता इतने गंभीर रूप से बीमार हैं। जब भी मैंने फोन करता था तो वे कहते थे कि वह सो रहे है या आराम कर रहे है। ऐसे में मैं उन्हें परेशान नहीं करना चाहता था। जब मैं ऑस्ट्रेलिया पहुंचा तो मुझे पता चला कि पापा की हालत काफी गंभीर है।’’

उनसे मिल लेता, लेकिन परिवार चाहता था करियर प्रभावित ना हो

उन्होंने कहा, ‘‘मैं पूरे परिवार के साथ लड़ने लगा। अगर मुझे पहले इसका अंदाजा होता तो शायद दौरे पर जाने से पहले उनसे मिल लेता। लेकिन मेरा परिवार चाहता था कि मेरा करियर प्रभावित ना हो। उन्होंने मुझे देश के लिए खेलने के अपने  तथा पापा के सपने को पूरा करने का सुझाव दिया।’’ उन्होंने बताया, ‘‘ मेरे अच्छे प्रदर्शन बाद अगर अखबार में मेरी तस्वीर छपती थी तो मेरे पिता अखबारों से उसे काट कर सहेज कर रखते थे। जब मैं वहां खड़े होकर (टेस्ट पदार्पण पर) राष्ट्रगान गा रहा था तब यही सोच रहा था कि अगर उन्होंने मुझे भारतीय टीम की जर्सी में देखा होता तो उन्हें कितना गर्व होता। उनके शब्द मेरे कानों में हमेशा गूंजते रहते है।’’

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