नई दिल्ली: महेंद्र सिंह धोनी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आगाज करने के बाद से अब क्रिकेट प्रेमियों के लिए हमेशा उत्सुकता और रहस्य का विषय रहे हैं। उन्होंने करियर की शुरुआत धमाकेदार अंदाज में बल्लेबाजी करके खींचा। उनकी बल्लेबाजी के इस अंदाज से साथी खिलाड़ियों के साथ-साथ विरोधी और क्रिकेट पंडिच भी भौचक्के रह गए थे।
लेकिन समय के साथ अनुभव ने उन्हें एक परिपक्व खिलाड़ी में तब्दील कर दिया और उन्होंने सभी फॉर्मेट में अपनी जगह पक्की कर ली। धोनी की कप्तानी भी भारतीय क्रिकेट में एक ताजी हवा की तरह आई जिसने 2007 के विश्व कप के पहले दौर में मिली हार को पहले टी20 विश्व कप की खिताबी जीत में तब्दील कर दिया। धोनी ने आधुनिक दौर में क्रिकेट के ताने-बाने और जरूरत को अच्छी तरह समझा। इसके साथ ही वो निचले क्रम में बल्लेबाजी करते हुए दुनिया के सबसे भरोसेमंद फिनिशर बनकर उभरे।
बल्लेबाजी के अंदाज के साथ-साथ धोनी की विकेटकीपिंग ने भी सुर्खियां बटोरी। स्पिनर्स के सामने बिजली से भी तेजी से स्टंपिंग करके और तेज गेंदबाजों के सामने डाइव लगाकर कैच पकड़र वो आलोचकों को हमेशा से सकते में डालते रहे हैं। हालांकि उनकी पीठ का दर्द बीच बीच में उभरता रहा लेकिन इसका असर उन्होंने अपने खेल के किसी पहलू पर नहीं पड़ने दिया। अपने शानदार करियर में टीम इंडिया के पूर्व विकेटकीपर हमेशा ही चर्चा का विषय रहे हैं।
आपको लगता है वो कुछ महत्वपूर्ण कर रहे हैं लेकिन
ऐसे में टीम इंडिया के पूर्व सदस्य और कॉमेन्ट्रटर संजय मांजरेकर ने राहुल द्रविड़ से धोनी के बारे में कुछ रोचक सवाल किए। इन सवालों का द वॉल द्रविड़ जवाब देते हुए धोनी की फिनिशिंग स्किल्स को डिकोड करने की पुरजोर कोशिश की। ईएसपीएन क्रिकइन्फो के लिए चर्चा करते हुए द्रविड़ ने धोनी के बारे में कहा, 'आपको हमेशा ऐसा महसूस होगा कि वो कुछ महत्वपूर्ण कर रहे हैं। लेकिन वो इस तरह खेलते हैं कि रिजल्ट उनके लिए कोई मायने नहीं रखता। ऐसी मनोस्थिति में किसी के लिए भी आना आसान नहीं होता। आपके अदंर ये क्षमता पहले से होती है या आपको अभ्यास के जरिए अपने अंदर इसे विकसित करना पड़ता है। मेरे अंदर ऐसी क्षमता नहीं थी। मेरे लिए स्थितियां मायने रखती थीं। ये जानना निश्चित तौर पर रोचक होगा कि क्या ये नैसर्गिक रूप से उन्हें मिला है या इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की है। सभी महान फिनिशर्स ऐसा ही करते हैं और खुद को ऐसी मनोस्थिति में लाने में सफल होते हैं।
आईपीएल तय करेगा धोनी का भविष्य
द्रविड़ एनसीए के निदेशक बनने से पहले भारत की अंडर 19 और इंडिया ए टीम के कोच की भूमिका अदा कर रहे थे। टीम इंडिया के पूर्व कप्तान धोनी के अलावा भारतीय क्रिकेट के अन्य पहलुओं पर बात करने में किसी तरह का संकोच नहीं किया। पिछले साल जुलाई में न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व कप के सेमीफाइनल के बाद से धोनी मैदान से दूर हैं और इन दिनों लॉकडाउन के दौरान अपने परिवार के साथ रांची में वक्त गुजार रहे हैं। उनका क्रिकेट भविष्य यक्ष प्रश्न की तरह सबके सामने खड़ा है। आईपीएल 2020 के आयोजन के बाद ही प्रशंसकों को धोनी के भविष्य से जुड़े इस सवाल का जवाब मिल सकेगा।
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