सौरव गांगुली ने कहा- एमएस धोनी अपनी कप्‍तानी के जैसे हमेशा आश्‍चर्यचकित करते हैं

Sourav Ganguly on MS Dhoni: टीम इंडिया के पूर्व कप्‍तान सौरव गांगुली ने 2008 में अंतरराष्‍ट्रीय क्रिकेट से संन्‍यास लिया था। उन्‍होंने अपना आखिरी टेस्‍ट नागपुर में ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ खेला था।

sourav ganguly and ms dhoni
सौरव गांगुली और एमएस धोनी 
मुख्य बातें
  • सौरव गांगुली ने 2008 में अंतरराष्‍ट्रीय क्रिकेट से संन्‍यास लिया था
  • एमएस धोनी ने आखिरी समय में सौरव गांगुली से कप्‍तानी कराई थी
  • दादा ने स्‍वीकार किया कि धोनी अपनी कप्‍तानी के समान हमेशा आश्‍चर्यचकित करते हैं

कोलकाता: ग्रेग चैपल ने भारतीय टीम के कोच की जिम्‍मेदारी संभालते ही सौरव गांगुली के करियर पर तगड़ा प्रहार किया था। गांगुली से टीम इंडिया की कप्‍तानी छीन ली गई। इसके बाद गांगुली ने राहुल द्रविड़, अनिल कुंबले और एमएस धोनी की कप्‍तानी में अपना बचे हुए करियर के मुकाबले खेले। 'दादा' को बिलकुल कम समय के लिए कप्‍तानी की जिम्‍मेदारी दोबारा मिली थी।

यह पल था 2008 में ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ नागपुर टेस्‍ट का, जब धोनी ने फैसला किया कि आखिरी समय में सौरव गांगुली कप्‍तानी की जिम्‍मेदारी संभाले, जो भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल कप्‍तानों में शुमार रहे। बीसीसीआई द्वारा सोशल मीडिया पर शेयर किए गए वीडियो में मयंक अग्रवाल से बातची करते हुए गांगुली ने स्‍वीकार किया कि उन्‍हें अच्‍छे से याद नहीं कि उन 3-4 ओवर की कप्‍तानी में उन्‍होंने क्‍या किया, लेकिन धोनी के इस बर्ताव से वह हक्‍के-बक्‍के जरूर रह गए थे।

ऐसी उम्‍मीद नहीं की थी: गांगुली

सौरव गांगुली को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया था, जब वो आखिरी बार भारतीय जर्सी में मैदान पर उतरे। संन्‍यास वाले मैच के अनुभव को मयंक अग्रवाल के साथ साझा करते हुए दादा ने कई बातें बताईं। उन्‍होंने कहा, 'मेरा आखिरी टेस्‍ट मैच नागपुर में था। आखिरी दिन, आखिरी सेशन। मैं विदर्भ स्‍टेडियम की सीढ़‍ियां उतरकर आया। टीम वाले मेरे पीछे खड़े थे और मुझे सबसे पहले अंदर जाने के लिए कहा गया।'

गांगुली ने आगे कहा, 'मैच में कुछ ओवर्स बचे थे जब धोनी ने कप्‍तानी की जिम्‍मेदारी मुझे सौंप दी ताकि एक कप्‍तान के रूप में मैं बाहर आ सकूं। कप्‍तानी की जिम्‍मेदारी मेरे लिए आश्‍चर्य वाली बात थी। मैंने इसकी उम्‍मीद नहीं की थी। मगर एमएस धोनी तो एमएस धोनी। वो अपनी कप्‍तानी के जैसे ही हमेशा आश्‍चर्यचकित करते हैं। हम टेस्‍ट मैच जीते और मेरे दिमाग में संन्‍यास था। मुझे नहीं पता कि उन तीन से चार ओवरों में मैंने क्‍या किया।'

आखिरी पारी में खाता नहीं खोल सके थे गांगुली

प्रिंस ऑफ कोलकाता के नाम से मशहूर सौरव गांगुली ने अपने आखिरी टेस्‍ट की पहली पारी में 85 रन बनाए थे जबकि दूसरी पारी में वह बिना खाता खोले पवेलियन लौट गए थे। धोनी और गांगुली दोनों को भारत के सबसे सफलतम कप्‍तानों में शुमार किया जाता है। बता दें कि सौरव गांगुली इस समय बीसीसीआई अध्‍यक्ष हैं जबकि एमएस धोनी सक्रिय क्रिकेटर हैं, जिनके भविष्‍य पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं।

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