नई दिल्ली: विराट कोहली अपनी निरंतरता के लिए क्रिकेट जगत में जाने जाते हैं। कोहली ने 12 साल के अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में कई मैच विजयी प्रदर्शन किए हैं। मगर एक ऐसा भी समय था जब कोहली बेहद खराब फॉर्म से गुजर रहे थे और उन्हें टीम से बाहर करने की मांग जोरों पर थीं। 2014 में कोहली खराब दौर से गुजर रहे थे। भारतीय टीम तब इंग्लैंड दौरे पर गई थी और उसे अपने युवा बल्लेबाज विराट कोहली से कई मैच विजयी प्रदर्शन की उम्मीद थी।
हालांकि, यह दौरा दिल्ली के बल्लेबाज के लिए एक बुरे सपने की तरह बीता। कोहली को टेस्ट सीरीज में 10 पारियां खेलने को मिली, जिसमें वह सिर्फ 13.5 की औसत से रन बनाए। इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन ने कोहली के शरीर से दूर जाती गेंद पर छेड़खानी करने की कमी को जगजाहिर कर दिया था। कोहली भी कई बार इस दौरे को अपने करियर का सबसे मुश्किलभरा समय करार दे चुके हैं।
वेस्टइंडीज के अनुभवी विकेटकीपर दिनेश रामदीन ने एमएस धोनी के बारे में एक मजेदार कहानी सुनाई, जिससे विराट कोहली फॉर्म में लौट आए। इंग्लैंड दौरे के बाद विराट कोहली संघर्ष कर रहे थे। वह अपने बल्ले के स्विंग को संभाल नहीं पा रहे थे। इंग्लिश तेज गेंदबाज से प्रेरणा लेकर जेरोम टेलर ने वही रणनीति अपनाकर विराट कोहली को खूब परेशान किया। विराट कोहली को तब टीम से बाहर करने की आवाजें बुलंद होने लगी थी, लेकिन एमएस धोनी ने उन्हें साथ रखना जारी रखा।
एमएस धोनी ने फिर अपना मास्टरस्ट्रोक खेला और विराट कोहली के बल्लेबाजी क्रम में बदलाव करके चौथे नंबर पर भेजा। विराट कोहली के लिए एमएस धोनी का मास्टरस्ट्रोक किसी वरदान की तरह साबित हुआ और उन्होंने दूसरे वनडे में 62 रन की पारी खेलकर अपनी लय हासिल की। इसके बाद धोनी ने दोबारा कोहली को उनके क्रम नंबर-3 पर भेजा।
दिनेश रामदीन ने कहा, 'मुझे एक घटना याद है जब विराट कोहली इंग्लैंड से लौटने के बाद रन नहीं बना पा रहे थे। हम भारत में वनडे सीरीज खेल रहे थे और विराट कोहली को सस्ते में एक या दो बार आउट कर चुके थे। तब एमएस धोनी ने उन्हें टीम से बाहर नहीं किया। उन्होंने कहा- देखों तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी की जगह मैं तुम्हें चौथे या पांचवें नंबर पर भेजूंगा। एक मैच में कोहली चौथे या पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करने आए और बेहतरीन पारी खेली। इसके बाद कोहली अपनी लय में लौट आए।'
रामदीन ने एमएस धोनी की कप्तानी की तारीफ करते हुए यह भी कहा, 'कभी अपने खिलाड़ियों को समझना और उन्हें नहीं हटाना भी जरूरी होता है। अन्य टीमें शायद इस तरह खिलाड़ियों से दूरी बना ले, लेकिन धोनी ने तब भी विराट कोहली का साथ दिया।'
रामदीन ने कहा, 'एमएस धोनी शानदार व्यक्ति हैं। वह हमेशा कहते हैं कि वह नम्र सेवक या महान इंसान के रूप में याद रखे जाना चाहते हैं न कि उसके लिए कि मैदान पर क्या किया। मेरे ख्याल से यह जरूरी है। यह उनके बारे में बहुत कुछ बताता है।' कैरेबियाई सीरीज के बाद भारत ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया, जहां कोहली ने टेस्ट सीरीज में चार शतकों के साथ 692 रन बनाए। उन्होंने भारत के लिए एक सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में सुनील गावस्कर के रिकॉर्ड की बराबरी की। इस सीरीज के दौरान एमएस धोनी ने अचानक टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया और विराट कोहली के कंधों पर टेस्ट कप्तानी का भार सौंप दिया।
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