Cricket Throwback: वर्ष 2007 में भारतीय क्रिकेट टीम ने फटाफट क्रिकेट यानी टी20 फॉर्मेट के पहले ही विश्व कप में विजय परचम लहराया था। एक युवा नौजवान कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारत ने ये ऐतिहासिक कारनामा किया था, इसका अहसास भारतीय फैंस के दिलों में सालों तक रहेगा। भारत ने क्रिकेट पंडितों के विचार को दरकिनार करते हुए एक युवा कप्तान और युवा टीम के सहारे बड़ी नामी टीमों के बीच टी20 विश्व कप को अपने नाम करने में सफलता हासिल की।
भारत के पहले टी20 इंटरनेशनल मैच के कप्तान नहीं थे महेन्द्र सिंह धोनी
महेन्द्र सिंह धोनी को भारतीय टीम की पहले ही टी20 विश्व कप के लिए कमान सौंपी गई थी, जिसके बाद तो उन्होंने विश्व क्रिकेट को अपनी कप्तानी के कौशल से दांतों तले अंगुली दबाने को मजबूर कर दिया था।
भारतीय क्रिकेट टीम को महेन्द्र सिंह धोनी ने पहले ही टी20 विश्व कप में चैंपियन बनवा दिया, जिसके बाद उनका नाम फैंस की जुबां पर छा गया। लेकिन काफी कम फैंस ही जानते होंगे कि महेन्द्र सिंह धोनी भारत के टी20 इंटरनेशनल डेब्यू मैच में कप्तान नहीं थे।
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जब भारतीय फैंस को भारत के पहले टी20 इंटरनेशनल कप्तान का सवाल पूछने पर लगभग फैंस का जवाब महेन्द्र सिंह धोनी ही हो सकता है, लेकिन भारत के लिए पहले टी20 इंटरनेशनल मैच में कप्तानी करने वाले महेन्द्र सिंह धोनी नहीं बल्कि वीरेन्द्र सहवाग हैं।
जी हां... भारत ने 2007 का टी20 विश्व कप खेलने से पहले साल 2006 में अपने टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट का आगाज कर लिया था। 1 दिसंबर 2006 को भारत इंटरनेशनल सर्किट पर टी20 क्रिकेट का डेब्यू किया था। जिसमें महेन्द्र सिंह धोनी टीम का हिस्सा जरूर थे, लेकिन कप्तानी वीरेन्द्र सहवाग के पास थी।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उनकी ही सरजमीं पर खेले गए इस मैच में भारतीय टीम ने शानदार जीत से आगाज किया था। वीरेन्द्र सहवाग को पहले टी20 मैच में टीम इंडिया की कप्तानी करने का मौका मिला था। महेन्द्र सिंह धोनी इस मैच में बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज खेले थे।
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