MS Dhoni Retirement: जिस अंदाज में हुआ था आगाज, वैसा ही रहा अंजाम

महेंद्र सिंह धोनी ने जिस अंदाज में अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की थी उनके करियर का अंत भी 22 गज की पिच पर उसी अंदाज में हुआ। उनके पहली और आखिरी अंतरराष्ट्रीय पारियों में दो रोचक समानताएं हैं।

MS Dhoni first and Last ODI
अपने पहले और आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच में आउट होकर पवेलियन लौटते धोनी 
मुख्य बातें
  • महेंद्र सिंह धोनी ने 23 दिसंबर 2004 को खेला था करियर का पहला मैच
  • सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए करियर की पहली पारी में खाता भी नहीं खोल पाए थे धोनी
  • जिस तरह धोनी के करियर की शुरुआत हुई थी उसी अंदाज में खत्म भी हुआ

नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे महान और चहेते क्रिकेट खिलाड़ियों में से एक रहे महेंद्र सिंह धोनी ने 15 अगस्त की शाम को अपने जाने पहचाने अंदाज में संन्यास का ऐलान कर दिया। धोनी ने अपने इंन्स्टाग्राम पर एक वीडियो साझा किया जिसमें मुकेश का गाया गीत मैं पल दो पल का शायर हूं और पल दो पल मेरी कहानी है...चल रहा था और धोनी के करियर के शुरुआत से आखिरी तक हर पल, सभी उतार-चढ़ाव की तस्वीरें साझा की थीं। इस वीडियो को पोस्ट करते हुए धोनी ने लिखा, पूरे करियर के दौरान मुझे प्यार और समर्थन देने के लिए आपका धन्यवाद। 19:29 के बाद मुझे रिटायर समझा जाए। 

दोनों ही मैचों में सातवें नंबर पर की बल्लेबाजी
23 दिसंबर 2004 को बांग्लादेश के खिलाफ चटगांव में शुरू हुआ धोनी का अंतरराष्ट्रीय करियर 15 अगस्त 2020 को आकर थम गया। सबसे रोचक बात यह है कि अपने करियर की शुरुआत धोनी ने जिस अंदाज में की थी ठीक उसी तरह उसका अंत भी हो गया। अपने पहले अंतरराष्ट्रीय मैच में एमएस धोनी 7 नंबर की जर्सी पहनकर सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे थे। संयोगवश न्यूजीलैंड के खिलाफ वर्ल्ड कप 2019 के सेमीफाइनल में भी उन्हें करियर आखिरी मैच में भी वो सात नंबर की जर्सी पहनकर सातवें नंबर पर ही बल्लेबाजी करने उतरे और रन आउट होकर पवेलियन लौटे। धोनी के बल्लेबाजी क्रम में इस अहम मैच के लिए किए गए बदलाव पर भी बवाल मचा था। 

16 साल बाद रन आउट ने तोड़े थे करोड़ों के सपने 
16 साल के अंतराल में 350 एकदिवसीय मैचों के बीच यह अंतर रहा कि पहले मैच में धोनी खाता खोले बगैर पवेलियन लौटे थे तो उनके अलावा और किसी को ज्यादा फर्क नहीं पड़ा था लेकिन 15 साल बाद 50 रन बनाकर वो पवेलियन लौटे तो 130 करोड़ भारतीयों के सपने भी टूट गए थे। धोनी के रन आउट होते ही भारत का विश्व कप के फाइनल में पहुंचने का सपना भी अधूरा रह गया था। 

धोनी जब रन आउट होकर पवेलियन वापस लौट रहे थे तो उनकी आंखों में शायद पहली बार आंसू दिखे थे। आम तौर पर अपनी भावनाओं पर काबू कर लेने वाले धोनी आसुओं को नहीं रोक पाए थे। इसके बाद से ही उनके संन्यास को लेकर अटकलें लगने लगी थी लेकिन धोनी खेल से दूर परिवार के साथ आत्ममंथन में जुटे थे और कैप्टन कूल ने एक्शन में लौटते ही अपने एक और फैसले से लोगों को चौंकने के लिए मजबूर कर दिया।  

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