मोहम्मद रिजवान ने बताया अपनी सफलता का राज, 'कर्म करना और फल की इच्छा नहीं करना' 

मोहम्मद रिजवान ने एशिया कप में शुक्रवार को पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए मुकाबले में टीम की जीत के बाद अपनी सफलता का राज साझा किया है।

Mohammad-Rizwan
मोहम्मद रिजवान  |  तस्वीर साभार: AP
मुख्य बातें
  • हांगकांग के खिलाफ आतिशी पारी खेलने के बाद मोहम्मद रिजवान चुने गए मैन ऑफ द मैच
  • इस पारी के बाद रिजवान ने खोला अपनी सफलता का राज
  • बताया क्या होता है छोटी और बड़ी टीम के बीच अंतर

शारजाह: पाकिस्तान क्रिकेट टीम की सफलता में पिछले कुछ समय से लगातार योगदान करते आ रहे विकेटकीपर बल्लेबाज मोहम्मद रिजवान ने शुक्रवार को हांगकांग के खिलाफ 57 गेंद में नाबाद 78 रन की पारी खेली। पारी की शुरुआत करने आए रिजवान ने मुश्किल और कम उछाल वाली विकेट पर कप्तान बाबर आजम के जल्दी आउट होने के बाद एक छोर संभाल लिया और अंत में अपनी टीम को 20 ओवर में 193 रन तक पहुंचाने के बाद नाबाद पवेलियन लौटे। हांगकांग के खिलाफ 155 रन के अंतर से विशाल जीत दर्ज करने के बाद रिजवान को मैन ऑफ द मैच चुना गया। कप्तान बाबर ने भी मुश्किल पिच पर खेली उनकी पारी की जमकर तारीफ की। 

कड़ी मेहनत पर है भरोसा 
हांगकांग के खिलाफ मुकाबले में मैन ऑफ द मैच चुने जाने के बाद रिजवान ने अपनी सफलता का राज कठिन परिश्रम करने और फल की इच्छा नहीं करने को बताया। रिजवान ने कहा, मैं हमेशा भगवान पर भरोसा करता हूं। अपनी चीजों को देखें तो आदमी अपने आप में घुस जाता है कभी दबाव होता है कभी ओवर कॉन्फिडेंस होता है। इन चीजों से ऊपर मैंने रखा है कि कड़ी मेहनत को, जो भगवान हमसे मांग रहा है वो करो और बाकी सब भगवान पर छोड़ दो। 

परिस्थितियों के अनुरूप करते है बल्लेबाजी
रिजवान ने कहा, हमारे लिए सबसे ज्यादा जरूरी होता है परिस्थितियों के साथ तालमेल बिठाना। हमारे टॉप ऑर्डर की हमेशा ये कोशिश होती है कि हम फॉर्मेट को भूल जाएं और परिस्थितियों का अंदाजा लगाएं। क्योंकि अगर ऐसी पिच है जहां शॉट्स नहीं लग रहे हैं, गेंद नीची रह रही है तो हमने फौरन अपना प्लान बदल दिया।

ये था पाकिस्तान का नया प्लान
रिजवान ने आगे कहा, हमने चार पांच ओवर तक शॉट्स खेलने की कोशिश की लेकिन जब सफल नहीं हुए तो हमने समझा कि यहां शॉट्स सीधे बल्ले से ही निकलेंगे तो हमने अपने प्लान में बदलाव किया। हमने नए सिरे से प्लान बनाया कि दस ओवर तक और कोई विकेट नहीं देनी है उसके बाद जब स्थितियां हमारे हक में आईं तो हमने जमकर रन बनाए और उनके गेंदबाजों की धुनाई की। 

सीनियर खिलाड़ी के रूप में लेनी पड़ती है अतिरिक्त जिम्मेदारी
अंत में रिजवान ने कहा, अगर आप टीम के अहम खिलाड़ी हैं तो आपको अतिरिक्त जिम्मेदारी लेनी पड़ती है। ऐसा करने पर दबाव आता है। ऐसे में आपको देखना होता है कि मेरी टीम की मुझसे डिमांड क्या है मैं उसके साथ मैदान पर जाता हूं और प्रेशर तो रहेगा ही।

ये रहा हांगकांग और हमारी टीम के बीच अंतर
हांगकांग की टीम ने ने आज हमारे खिलाफ अच्छी कोशिश की और हमें शुरुआत में फंसाए रखा बड़ी टीमों और छोटी टीमों के बीच प्लानिंग और अनुभव का अंतर होता है। और आज भी हमारे और उनके बीच यही अंतर रहा।

बाढ़ पीड़ितों की मदद का किया अनुरोध
मैं सभी पाकिस्तानियों से से जो देश में हैं या विदेश में हैं सभी से बाढ़ से प्रभावित हुए और संकट में हैं उन लोगों की मदद करने का अनुरोध करता हूं। 

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