महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) और चेन्नई सुपर किंग्स (CSK), ये दो नाम हैं जिन्होंने इंडियन प्रीमियर लीग के शुरुआत के कुछ सीजन सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरी थीं। साल 2008 में जब आईपीएल शुरू हुआ तब युवा खिलाड़ी धोनी काफी डिमांड में थे क्योंकि पिछले ही साल वो भारत को एक बड़ा खिताब (2007 टी20 विश्व कप) जिताकर आए थे। हर जगह उन्हीं की चर्चा थी, लेकिन क्या आपको पता है कि आईपीएल की पहली नीलामी में जब खिलाड़ियों की बोली लग रही थी तब माहौल कुछ और था। इसका खुलासा पूर्व क्रिकेटर वीबी चंद्रशेखर ने किया है।
भारत के पूर्व क्रिकेटर वीबी चंद्रशेखर आईपीएल 2008 में चेन्नई सुपर किंग्स के मुख्य चयनकर्ता थे। यही नहीं वो टीम के क्रिकेट ऑपरेशंस के निदेशक भी थे। चंद्रशेखर ने Sportskeeda को दिए अपने एक इंटरव्यू में बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा है कि चेन्नई सुपर किंग्स फ्रेंचाइजी के मालिक एन.श्रीनिवासन धोनी को अपने पहले व शीर्ष खिलाड़ी के रूप में शामिल करने के पक्ष में नहीं थे। बल्कि वो धोनी की जगह एक दूसरे भारतीय खिलाड़ी को अपनी टीम का शीर्ष खिलाड़ी बनाना चाहते थे।
धोनी नहीं, ये होते CSK के कप्तान
चंद्रशेखर के खुलासे के मुताबिक श्रीनिवासन धोनी के पक्ष में नहीं थे और वो भारत के दिग्गज ओपनर वीरेंद्र सहवाग को टीम का शीर्ष खिलाड़ी चुनना चाहते थे। चंद्रशेखर ने कहा, 'आईपीएल 2008 की नीलामी से पहले एन श्रीनिवासन ने मुझसे पूछा- तुम किसको चुनने वाले हो? मैंने कहा धोनी। फिर उन्होंने कहा- वीरेंद्र सहवाग क्यों नहीं?' जब श्रीनिवासन ने चंद्रशेखर से ऐसा कहा तो चंद्रशेखर ने इसकी वजह भी बता दी।
चंद्रशेखर ने श्रीनिवासन को बताई ये वजह
श्रीनिवासन के सहवाग वाले आइडिया पर चंद्रशेखर कहते हैं, 'मैंने उनको कहा कि सहवाग प्रेरणा नहीं दे सकते जिसके लिए दर्शक आएंगे। जबकि धोनी एक कप्तान हैं, विकेटकीपर हैं और एक बल्लेबाज भी हैं जो मैच की स्थिति अपने दम पर बदल सकता है। तो मैंने उनसे पूछा कि मैं उसको लेना चाहूंगा।'
महेंद्र सिंह धोनी और एन.श्रीनिवासन- PTI
बदल गया श्रीनिवासन का रुख
चंद्रशेखर ने आगे खुलासा करते हुए बताया कि बाद में एन.श्रीनिवासन ने अपना विचार अचानक बदल लिया था। जो एन श्रीनिवासन सहवाग के पक्ष में थे, अगली सुबह वो मुझसे आकर कहते हैं, 'धोनी को ही लो।'
उस समय धोनी युवा थे और टीम का बजट भी कम व निर्धारित था। सभी टीमें धोनी पर बोली लगाने को बेकरार थीं इसलिए बड़ा रिस्क लेना था। इस बारे में चंद्रशेखर ने बताया कि टीम का बजट 5 मिलियन था और हम उस पर 1.4 मिलियन तक लुटाने को तैयार थे, लेकिन तभी किसी ने कहा कि धोनी की बोली 1.8 मिलियन तक जाने वाली है। तो मैंने उससे कहा कि अगर धोनी की बोली 1.5 मिलियन से ऊपर गई तो मैं उसे नहीं खरीदूंगा क्योंकि टीम ज्यादा महत्वपूर्ण है। बाद में सीएसके ने आखिरकार धोनी को 1.5 मिलियन में खरीद लिया था।
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