अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (एसीबी) ने आश्वासन दिया था कि तालिबान देश में क्रिकेट से जुड़े मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगा, लेकिन उसके बावजूद अफगानी क्रिकेटर्स अपने भविष्य को लेकर अनिश्चित हैं। तालिबान ने हाल ही में अफगानिस्तान पर कब्जा किया है, जिसके बाद से वहां हालात बिगड़ते जा रहे हैं। लोग बड़ी संख्या में देश से की कोशिश कर रहे हैं।
इस बीच अफगानिस्तान के युवा तेज गेंदबाज नवीन-उल-हक ने देश में मौजूद अपने साथी क्रिकेटरों की स्थिति के बारे में बात की है। उन्होंने साथ ही तालिबानी शासल की पोल भी खोली। हक ने कहा कि अफगानिस्तान में लोग क्रिकेट से प्यार करते हैं और यही एकमात्र चीज है, जो उन्हें एकसाथ खुश रखती है। हालांकि, तालिबान के आने के बाद खेल के भविष्य पर खतरे मंडरा रहा है।
21वर्षीय हक ने अफगानी क्रिकेटर्स को लेकर बीबीसी रेडियो को दिए इंटरव्यू में कहा, 'उनकी आंखों में, उनकी आवाजों में, यहां तक कि उनके मैसेज में भी डर है। तालिबान ने कहा है वे किसी खिलाड़ी को परेशान नहीं करेंगे, लेकिन कोई इस बारे में स्पष्ट रूप से नहीं जानता। अगर आपको सकारात्मक खबरें मिलती हैं, अगर आप लोगों को एक साथ खुश देखते हैं, तो यह केवल क्रिकेट है... जो इसे देश में खुशिया लाता है। यह अफगानिस्तान के लिए अहम है। यह अफगानिस्तानी लोगों के लिए एक खेल से कहीं ज्यादा है।'
हक ने वेस्टइंडीज से इंटरव्यू दिया है, जहां वह फिलहाल कैरेबियन प्रीमियर लीग (सीपीएल) के अगले सीजन के लिए कमर कस रहे हैं। क सीपीएल में गुयाना अमेजन वारियर्स के लिए खेलेंगे। तेज गेंदबाज ने कहा कि वह यह पक्के तौर पर नहीं कह सकते कि पूरी तरह से सिर्फ क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित कर पाएंगे।
उन्होंने कहा, 'आप क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित करने करते समय एक या दो मिनट के लिए इसके बारे में भूल जाते हैं लेकिन यह आपके दिमाग में फिर से आ जाता है। मैं यह नहीं कह सकता कि पूरी तरह से केवल क्रिकेट खेलने पर ध्यान केंद्रित कर पाउंगा, क्योंकि जब आप अपने देश को इस तरह देखते हैं तो आप ऐसा नहीं कर सकते।'
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