दुबई: बुधवार को इंग्लैंड और पाकिस्तान के बीच पहला टेस्ट मैच शुरू हुआ तो उसके साथ ही एक नए नियम का भी आगाज हो गया। क्रिकेट इतिहास में पहली बार फ्रंटफुट नो-बॉल (Front foot No-Ball) का फैसला मैदानी अंपायर नहीं बल्कि टीवी अंपायर करेंगे। बेशक ये नया नियम फिलहाल सिर्फ ट्रायल के तौर पर है लेकिन उम्मीद यही की जा रही है कि ये नया नियम लंबे समय तक रहने वाला है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने भी बुधवार को इसकी औपचारिक घोषणा कर दी।
आईसीसी ने कहा कि फ्रंटफुट नो-बॉल तकनीक की समीक्षा करने के बाद भविष्य में इसका इस्तेमाल जारी रखने पर फैसला लिया जायेगा। आईसीसी ने ट्वीट किया, ‘‘इंग्लैंड और पाकिस्तान के बीच सीरीज में फ्रंटफुट नो-बॉल तकनीक का इस्तेमाल किया जायेगा। दोनों टीमों ने इसके लिये सहमति जताई है।’’ इसमें कहा गया, ‘‘इस श्रृंखला में तकनीक के इस्तेमाल की समीक्षा करने के बाद भविष्य के लिये फैसला लिया जायेगा।’’
हाल ही में इंग्लैंड और आयरलैंड के बीच वनडे सीरीज में भी इसका इस्तेमाल किया गया। पिछले साल भारत और वेस्टइंडीज के बीच सीमित ओवरों की सीरीज में भी इसका प्रयोग किया गया था।
अनुमान लगाया गया है कि नो-बॉल से जुड़े इस नए नियम के आने से मैदानी अंपायर का बोझ कम होगा। गौरतलब है कि कई बार मैदानी अंपायर इसको लेकर फैसला देने से चूक जाते हैं और उन गेंदों पर कुछ बड़ा होने की स्थिति में अंपायरों के साथ-साथ आईसीसी को भी आलोचनाएं झेलनी पड़ी हैं। आईसीसी क्रिकेट विश्व कप 2019 के फाइनल में भी कुछ ऐसी ही स्थिति बनी थी।
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