नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम ने साल 2010 से 2019 तक क्रिकेट की दुनिया में बहुत धमाल मचाया। एमएस धोनी और विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया ने टेस्ट क्रिकेट में सफलता के नए मुकाम हासिल किए। टीम इंडिया ने सफेद जर्सी में खेलते हुए घर के साथ-साथ विदेशी सरजमीं पर विजयी परचम लहराया। टीम इंडिया की सफलता में यदि किसी की अहम योगदान रहा तो वो तेज गेंदबाजों का रहा। भारतीय टीम के पास मौजूदा तेज गेंदबाजी आक्रमण जैसी धार कभी नहीं रही। इसी वजह से भारतीय टीम विदेश में भी जीत का स्वाद चखने में सफल रही।
दुनिया भर के दिग्गजों ने भारत के मौजूदा गेंदबाजी आक्रमण को सर्वश्रेष्ठ बताया लेकिन टेस्ट में एक कसौटी पर ये सभी बेस्ट साबित नहीं हो सके। पिछले एक दशक में किसी भी साल टेस्ट मैच की एक पारी में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों की सूची में कोई भारतीय गेंदबाज नहीं है। 21वीं सदी के दूसरे दशक में एक टेस्ट पारी में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी का रिकॉर्ड श्रीलंका के बांए हाथ के स्पिनर रंगना हेराथ के नाम रहा। हेराथ ने पाकिस्तान के खिलाफ 2014 में 127 रन देकर 9 विकेट हासिल किए। वहीं दूसरे पायदान पर द. अफ्रीका के केशव महाराज रहे उन्होंने 129 रन देकर श्रीलंका के खिलाफ 9 विकेट हासिल किए।
दस साल में हर साल के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की सूची पर नजर डालें तो पाएंगे कि इस सूची में पांच स्पिनर( केशव महाराज, रंगना हेराथ, नाथन लॉयन, देवेंद्र बिशु और सईद अजमल) और पांच तेज गेंदबाज( रोस्टन चेज, स्टुअर्ट ब्रॉड, सीन एबॉट, डी लैंगे और डेल स्टेन) हैं। ऐसे में दोनों तरह की विधाओं की गेंदबाजी के बीच दशक में सही संतुलन रहा।
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