नई दिल्ली: 165 साल पहले 19 नवंबर 1855 को इंग्लैंड के एक ऐसे खिलाड़ी का जन्म हुआ था जिसने अपने छोटे से करियर में अपनी चमक बिखेरी और बड़े ही दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से उनके करियर का अंत हो गया।
ऑफ स्पिनर बिली बेट्स के टेस्ट करियर की शुरुआत 31 दिसंबर 1981 को मेलबर्न में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ की थी। उन्होंने अपने करियर में कुल 15 टेस्ट मैच खेले और सबसे रोचक बात यह रही कि इस दौरान वो इंग्लैंड के लिए टेस्ट हैट्रिक लेने वाले पहले खिलाड़ी भी बने।
आंख की रोशनी ने खत्म कर दिया करियर
बिली बेट्स के शानदार करियर का अंत साल 1987 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुआ और वो बड़े ही दुभाग्यशाली तरीके से नेट्स पर अभ्यास के दौरान चोटिल हो गए। चोट इतनी गंभीर थी कि खिलाड़ी ने सीधे स्ट्रेट ड्राइव खेला और गेंद सीधे उनके चेहरे पर जा लगी। जिससे उनकी आंखों की रोशनी कम हो गई और वो दोबारा मैदान पर वापसी नहीं कर सके।
15 टेस्ट में 16 के औसत से झटके विकेट
उन्होंने अपने करियर में कुल 15 टेस्ट मैच खेले और इस दौरान शानदार गेंदबाजी करते हुए 16.42 की औसत से 50 विकेट लिए। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 28 रन देकर 7 विकेट रहा। इसी पारी के दौरान ही उन्होंने हैट्रिक भी झटकी।
प्रथम श्रेणी में बनाए 10 हजार से ज्यादा रन
एक बल्लेबाज के रूप में भी उनका शानदार करियर रहा। प्रथम श्रेणी करियर में उन्होंने कुल 299 मैच खेले और इस दौरान 17.13 की औसत से कुल 874 विकेट लिए साथ ही 21.57 की औसत से 10,249 रन बनाए। लेकिन आंख पर लगी चोट ने एक ही झटके में शानदार करियर को चौपट कर दिया।
आत्महत्या का भा किया था प्रयास
चोटिल होने के बाद बिली बेट्स का डिप्रेशन में चले गए। उनकी स्थिति इतनी खराब हुई कि उन्होंने आत्महत्या का प्रयास किया। लेकिन अंत में 45 साल की उम्र में उनका देहांत हो गया और इस तरह एक शानदार खिलाड़ी अपनी चमक पूरी तरह बिखेरे बगैर ओझल हो गया।
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