मुंबई: दुनियाभर के क्रिकेट फैंस के लिए यह कोई आम दिन नहीं था। हर मिनट के साथ इतिहास पलटते हुए नजर आ रहा था। 15 नवंबर 1989 को जिस खिलाड़ी ने अपने क्रिकेट करियर का आगाज किया था, वो 24 साल बाद यानी 2013 में 16 नवंबर के दिन क्रिकेट से विदाई लेने जा रहा था। क्रिकेट फैंस की आंखें बयां कर रही थीं कि 16 साल की उम्र में इंटरनेशनल डेब्यू करने वाले इस महान बल्लेबाज को मैदान से विदाई देना बिलकुल भी आसान काम नहीं था। तभी वो पल भी आ गया, जो फैंस कभी नहीं चाहते थे कि आए, लेकिन साथ ही साथ वो इस पल के साक्षी भी बनना चाहते थे क्योंकि ये ऐसा मौका था कि कोई इससे चूकना भी नहीं चाहता था। यह दुनियाभर के क्रिकेट फैंस के लिए असमंजस की स्थिति थी, लेकिन ऐसा होना ही था। महान सचिन तेंदुलकर ने आज ही के दिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से विदाई ली थी।
भारतीय टीम ने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम पर वेस्टइंडीज को दूसरी पारी में 187 रन पर समेट दिया और मैच एक पारी व 126 रन से जीता। यह नतीजा किसी के लिए मायने ही नहीं रख रहा था क्योंकि सभी की नजरें 5 फीट 5 इंच कद के उस खिलाड़ी पर थी, जिसने दुनिया में अपनी बल्लेबाजी का लोहा मनवाया और 24 साल क्रिकेट की पिच पर एकछत्र राज किया। जैसे ही शेनन गेब्रियल को मोहम्मद शमी ने बोल्ड किया, तो मैदान पर सन्नाटा छा गया। भारतीय टीम ने जीत का जश्न मनाया, लेकिन तेंदुलकर की विदाई का भावुक पल आ चुका था।
सचिन तेंदुलकर ने एक स्टंप हाथ में उठाया और पीछे मुड़कर दोनों हाथ ऊपर उठाए व दर्शकों का अभिवादन स्वीकार किया। टीम के खिलाड़ियों ने महान बल्लेबाज को पवेलियन तक गार्ड ऑफ ऑनर दिया, जिस सम्मान को देखकर तेंदुलकर भी अपने आंसू नहीं छुपा सके। वह बीच मैदान पर चलते हुए दर्शकों का हाल और अपनी टीम के साथियों की चाहत देखकर भावुक हो उठे। उन्होंने एक हाथ से अपने आंसू पोछे और फिर क्रिकेट फैंस का अभिवादन करते हुए पवेलियन लौटे। सचिन तेंदुलकर की विदाई भारतीय क्रिकेट जगत में बेहद भावुक क्षण था। हाल तो ये था कि कैरेबियाई खिलाड़ियों की आंखें भी नम थी, लेकिन वह चश्मे के पीछे अपने आंसुओं को छुपा रहे थे।
22 यार्ड की पिच पर 24 साल के सुनहरे करियर का अंत आ चुका है। कुछ इस तरह सचिन तेंदुलकर ने अपने विदाई भाषण की शुरूआत की और अपना दिल दुनिया के सामने निकालकर रख दिया। 200 टेस्ट खेलने वाले दुनिया के इकलौते खिलाड़ी ने अपनी बातें, विचार, भावनाएं इस अंदाज में प्रकट की थी कि लोगों के चेहरे पर मुस्कुराहट के साथ-साथ आंखें नम थी। कुछ लोगों की आंखों से आंसू टपकना बंद ही नहीं हो रहे थे। विदाई भाषण देने के बाद तेंदुलकर ने वो आइकॉनिक पल दिया, जो क्रिकेट जगत में अमर हो गया।
भाषण देने तथा मैदान का पूरा लैप करने के बाद सचिन तेंदुलकर ने दर्शकों से खचाखच भरे वानखेड़े स्टेडियम में पिच को जाकर नमन किया और इतने साल ख्याल रखने के लिए उसका धन्यवाद दिया। यह पल इससे पहले क्रिकेट पिच पर कभी नहीं देखने को मिला था। दुनियाभर के क्रिकेट फैंस को उस दिन एहसास हुआ कि बल्लेबाजी के रिकॉर्ड्स ध्वस्त और स्थापित करने की मशीन तेंदुलकर इस खेल से बढ़कर नहीं हैं। वो उन चुनिंदा क्रिकेटरों में से एक हैं, जिसने पीढ़ियों को इस खेल के प्रति प्यार करना सिखाया। बता दें कि सचिन तेंदुलकर ने अपने आखिरी टेस्ट में 74 रन की पारी खेली थी। तेंदुकलर ने दुनियाभर के क्रिकेट फैंस की आंखें नम करके अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से विदाई ली।
सचिन तेंदुलकर ने 200 टेस्ट में 53.78 की औसत और 51 शतकों सहित 15,921 रन बनाए। उन्होंने 463 वनडे में 44.83 की औसत और 49 शतक व 96 अर्धशतकों की मदद से 18,426 रन बनाए। तेंदुलकर दुनिया के एकमात्र बल्लेबाज हैं, जिन्होंने 200 टेस्ट और 100 अंतरराष्ट्रीय शतक जमाए। सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर में 34,000 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय रन बनाए।
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