नई दिल्ली: भारत और चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के बीच मुकाबला हो तो भावनाओं पर काबू पाना मुश्किल पड़ ही जाता है। आज का दिन तो दोनों देशों के क्रिकेट इतिहास में काफी खास है। सौरव गांगुली के नेतृत्व में भारतीय टीम 15 साल बाद पाकिस्तान दौरे पर गई थी। 13 मार्च 2004 को दोनों देशों के बीच कराची में पहला वनडे खेला जा रहा था। स्टेडियम के खचाखच भरे होने से ही इस मैच की अहमियत पता चल चुकी थी और इस मुकाबले में जो कुछ हुआ, उसे क्रिकेट फैंस भूल नहीं सकते।
पाकिस्तान के कप्तान इंजमाम उल हक ने टॉस जीता और टीम इंडिया को पहले बल्लेबाजी का न्योता दिया। सचिन तेंदुलकर (28) और वीरेंद्र सहवाग (79) ने 69 रन की साझेदारी करके भारत को दमदार शुरूआत दिलाई। शोएब अख्तर ने तेंदुलकर को नावेद उल हसन के हाथों कैच आउट कराकर भारत को पहला झटका दिया। यहां से वीरू ने कप्तान सौरव गांगुली (45) के साथ दूसरे विकेट के लिए 73 रन की साझेदारी की। नावेद ने वीरू को क्लीन बोल्ड कर दिया। वीरू ने 57 गेंदों में 14 चौके और एक छक्के की मदद से 79 रन बनाए।
यहां से गांगुली ने राहुल द्रविड़ (99) के साथ तीसरे विकेट के लिए 72 रन जोड़े। गांगुली को नावेद ने अपनी ही गेंद पर कैच लपककर पवेलियन की राह दिखाई। द्रविड़ एक छोर पर टिके रहे और अपने शतक से महज 1 रन से चूक गए। शोएब अख्तर की ऑफ कटर पर वह बोल्ड हो गए। भारत ने 50 ओवर में 7 विकेट खोकर 349 रन बनाए। पाकिस्तान की तरफ से नावेद उल हसन ने तीन जबकि शोएब अख्तर और मोहम्मद समी को दो-दो विकेट मिले।
350 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तान ने 34 रन पर दो विकेट गंवा दिए थे। यहां से मोहम्मद यूसुफ (73) और कप्तान इंजमाम उल हक (122) ने 135 रन की साझेदारी की। सहवाग ने यूसुफ को इरफान पठान के हाथों कैच आउट कराकर इस साझेदारी को तोड़ा। फिर इंजी ने यूनिस खान (46) के साथ चौथे विकेट के लिए 109 रन की साझेदारी करके मैच रोमांचक बनाया। मुरली कार्तिक ने इंजमाम को विकेटकीपर द्रविड़ के हाथों कैच आउट कराकर भारत को दिन की सबसे बड़ी सफलता दिलाई। इंजी ने केवल 102 गेंदों में 12 चौके और दो छक्के की मदद से 122 रन बनाए।
इसके बाद टीम इंडिया ने जोरदार वापसी की और यूनिस खान (46) व अब्दुल रज्जाक (27) को आउट किया। इसके बाद मोहम्मद कैफ ने रोमांचक मुकाबले में दर्शकों का उत्साह चरम पर पहुंचाया। उन्होंने लांग ऑफ से दौड़ लगाते हुए शोएब मलिक (7) का लाजवाब कैच लपका। इस दौरान कैफ का पैर बदानी के चेहरे पर भी लगा, लेकिन कैच पकड़ने में कोई गलती नहीं की गई।
पाकिस्तान को जीत के लिए आखिरी ओवर में 9 रन की दरकार थी। क्रीज पर मोईन खन (16) और नावेद उल हसन थे। आखिरी ओवर आशीष नेहरा करने आए। नावेद स्ट्राइक पर थे। नेहरा ने पहली गेंद डॉट कराई। दूसरी गेंद पर नावेद ने एक रन लिया। तीसरी गेंद नेहरा ने फिर डॉट डाली। चौथी गेंद पर मोईन खान ने एक रन लिया। पांचवीं गेंद पर नावेद ने एक रन लिया और पाकिस्तान को आखिरी गेंद पर जीतने के लिए 6 रन की जरूरत थी। याद हो कि जावेद मियांदाद ने चेतन शर्मा द्वारा डाली आखिरी गेंद पर छक्का जमाकर पाकिस्तान को एक बार चैंपियन बनाया था। अब पाकिस्तान को दूसरे जावेद मियांदाद की तलाश थी क्योंकि स्थिति समान थी। हालांकि, मोईन खान दूसरे जावेद मियांदाद नहीं बन सके और आखिरी गें पर जहीर खान को कैच थमा बैठे।
मजेदार बात यह है कि जावेद मियांदाद ही इस टीम के कोच थे और वह ड्रेसिंग रूम से मोईन खान को इशारा भी कर रहे थे कि आखिरी गेंद पर किस तरह छक्का जमाए। हालांकि, आशीष नेहरा ने अच्छी गति से गेंद डालकर मोईन खान को छक्का नहीं जमाने दिया और भारत को इस हाईवोल्टेज मैच में 5 रन से जीत दिलाई। भारत ने आगे चलकर पांच मैचों की वनडे सीरीज 3-2 से अपने नाम की।
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