'RR मालिकों ने पैसे खर्च नहीं किए इसलिए बड़े खिलाड़ी नहीं खरीदे', राजस्थान के पूर्व कोच ने खोल दिया गहरा राज

Paddy Upton on Rajasthan Royals: राजस्थान रॉयल्स के पूर्व हेड कोच पैडी अपटन ने कुछ साल पहले टीम के कड़े संघर्ष करने की एक अहम वजह का खुलासा किया है।

Rahul Dravid and Paddy Upton
राहुल द्रवड़ि और पैडी अपटन (तस्वीर साभार- बीसीसीआई) 
मुख्य बातें
  • पैडी अपटन राजस्थान रॉयल्स के हेट कोच रहे हैं
  • अपटन साल 2013 में राजस्थान के कोच बने थे
  • उन्होंने अपने समय में द्रविड़ के साथ काम किया

राजस्थान रॉयल्स (आरआर) के पूर्व हेड कोच पैडी अपटन ने हाल ही में फ्रेंचाइजी के साथ अपने कार्यकाल के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने राहुल द्रविड़ के साथ काम करने के अपने अनुभव को शानदार बताया तो दूसरी ओर टीम के संचालन से संबंधित एक गहरा राज भी खोल दिया। अपटन आईपीएल 2013 में राजस्थान में मुख्य कोच बने थे। वहीं, द्रविड़ तब संन्यास लेने के बाद टीम के संग बतौर मेंटोर काम कर रहे थे। दोनों ने साथ मिलकर शानदार काम किया और राजस्थान को तीन सीजन में से दो बार प्लेऑफ में पहुंचने में मदद की।

साल 2008 में आईपीएल का पहला खिताब जीतने के बाद राजस्थान की टीम को काफी संघर्ष करना पड़ा। यहां तक कि टीम लगातार चार सीजन के प्लेऑफ में जगह बनाने में भी नाकाम रही। टीम को चेन्नई सुपर किंग्स और मुंबई इंडियंस सहित अन्य फ्रेंचाइजी के साथ प्रतिस्पर्धा करने में दुश्वारी हो रही थी। अपटन ने उस समय टीम के कड़े संघर्ष करने को लेकर मालिकों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने खुलासा किया कि टीम के मालिकों ने बेस्ट नीलामी में पूरे पैसे खर्ज नहीं किए इसलिए बेस्ट खिलाड़ियों को नहीं खरीदा गया था।

'नीलामी के लिए पैसों का पूरा कोटा नहीं दिया'

पैडी अपटन ने स्पोर्ट्सकीड़ा के साथ बातचीत में कहा, 'जब मैंने 2013 में राजस्थान रॉयल्स से जुड़ा तो वे छठे स्थान पर थे। पहला सीजन जीतने के बाद तब तक लगभग चार साल हो चुके थे। टीम काफी समय तक अन्य टीमों से पिछड़ी रही। इसका कारण यह था कि मालिकों ने नीलामी के लिए पैसों का पूरा कोटा नहीं दिया। हमारे पास केवल पैसों का आधा कोटा ही था।' अपटन ने आगे कहा, 'ऐसे में रॉयल्स को युवा और अधिक संभावना वाले खिलाड़ियों की तलाश की रणनीति का इस्तेमाल करना पड़ा, क्योंकि हमारे पास बड़े नाम वाले खिलाड़ियों को खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। इसलिए हमने युवाओं में से सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी अपने साथ जोड़नी की रणनीति अपनाई।'

ट्रेस्को के पास टीम की 44.2% हिस्सेदारी

बता दें कि राजस्थान रॉयल्स लीग में उस वक्त सबसे सस्ती टीम थी, जब इसे 2008 में इमर्जिंग मीडिया ने 67 मिलियन डॉलर में अधिग्रहित किया था। साल 2009-2013 तक बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा टीम के सह-मालिक थे। फिलहाल इमर्जिंग मीडिया लिमिटेड के मनोज बडाले के पास फ्रेंचाइज़ी में 32.4% हिस्सेदारी है जबकि अमीषा हाथीरमानी के ट्रेस्को इंटरनेशनल लिमिटेड की टीम में 44.2% हिस्सेदारी है। वहीं, ब्लू वॉटर एस्टेट के लछलन मर्डोक के पास 11.7% हिस्सेदारी है।

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