सिडनी: ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज मार्नस लाबुशेन ने कहा है कि जब क्रिकेट दोबारा शुरू हो तब अगर कुछ नियमों में बदलाव किए जाते हैं तो खिलाड़ियों को इसके लिए तैयार रहना चाहिए। कोरोनावायरस के कारण यह बात उठने लगी है कि गेंद को चमकाने के लिए सलाइवा (लार) का उपयोग होना चाहिए या नहीं।
बदलावों के लिए रहना होगा तैयार
सिडनी मॉर्निग हेराल्ड ने लाबुशेन( Marnus Labuschagne) के हवाले से लिखा है, हर किसी का लक्ष्य मैदान पर वापसी करना है, इसलिए जो भी बलिदान या हल्के-फुल्के बदलाव खेल में होते हैं तो, हम खिलाड़ियों को उन्हें मानना चाहिए और उन नए नियमों का पालन करना चाहिए, अगर ऐसा होता है तो। उन्होंने कहा, यहां तक गेंद को चमकाने की बात है तो यह थोड़ा अजीब होगा। जब आप मैदान पर होते हो तो यह स्वाभाविक है कि अगर आप गेंद चमकाने वाले खिलाड़ी हो तो आप अपनी लार को गेंद के रफ एरिया पर लगाओगे। अगर ऐसा नहीं होता है तो ठीक है। हमें इस स्थिति से ऐसे ही निपटना होगा।
ऑस्ट्रेलिया सरकार ने लगाया है प्रतिबंध
ऑस्ट्रेलिया सरकार ने कोरोना संक्रमण के बाद दोबारा खेलों की वापसी के लिए जो योजना तैयार की है उसके दिशानिर्देशों में अभ्यास के दौरान गेंद को चमकाने के लिए पसीने और लार के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। ऐसे में खिलाड़ियों के पास इस और कोई विकल्प शेष नहीं बचा है। हालांकि इस मामले पर वर्तमान और पूर्व खिलाड़ियों के बीच बहस चल रही है।
आईसीसी कर रहा है नियमों में बदलाव की तैयारी
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद भी कोरोना संक्रमण के मद्देनजर गेंद को चमकाने के लिए लार की जगह वेसलीन या अन्य कृत्रिम उत्पादों के इस्तेमाल पर विचार कर रहा है। इसके लिए उसे सालों पुराने बॉल टेंपरिंग के नियमों में बदलाव करना होगा। फिलहाल खिलाड़ियों की ओर से इस मामले में मिली जुली प्रतिक्रिया सामने आ रही है। लेकिन अगर हेल्थ कमिटी की अनुशंसा के अनुरूप आईसीसी अगर ये बदलाव लागू करता है तो हर किसी को उसका पालन करना होगा।
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