आज भी इसे अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि मानते हैं राहुल द्रविड़, युवराज सिंह को इस मामले में दी थी मात

Rahul Dravid: राहुल द्रविड़ क्रिकेट के मैदान में हमेशा अपने समर्पण और प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं। हालांकि, उनकी जिंदगी के कुछ ऐसे भी किस्‍से हैं, जो हर क्रिकेट फैन जरूर जानना चाहेगा।

rahul dravid and yuvraj singh
राहुल द्रविड़ और युवराज सिंह 
मुख्य बातें
  • राहुल द्रविड़ ने युवराज सिंह से जुड़ा एक मजेदार किस्‍सा बताया था
  • द्रविड़ ने कहा कि युवी को सेक्सिऐस्‍ट पर्सानिलिटी में मात देना उनके करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि
  • राहुल द्रविड़ दोनों प्रारूपों में 10,000 से ज्‍यादा रन बनाने वाले चुनिंदा बल्‍लेबाजों में शामिल

नई दिल्‍ली: टीम इंडिया के पूर्व कप्‍तान राहुल द्रविड़ अनसंग हीरो के रूप में जाने जाते थे। द्रविड़ हमेशा खेल के प्रति समर्पण और प्रतिबद्धता व टीम मैन के रूप में जाने गए। हालांकि, संन्‍यास लेने के काफी समय बाद द्रविड़ का एक और रूप सामने निकलकर आया कि वह समय की नजाकत को देखते हुए मस्‍ती भी करते हैं। भारतीय ए और अंडर-19 टीम को कोचिंग देने वाले राहुल द्रविड़ ने ऐसे ही मस्‍तीभरे पल में युवराज सिंह की टांग खिंचाई की थी।

गौरव कपूर को दिए इंटरव्‍यू में राहुल द्रविड़ ने कई मजेदार खुलासे किए थे। द्रविड़ ने उस इंटरव्‍यू में कहा था कि जैंटलमैन का खिताब मुझे नहीं बल्कि वीवीएस लक्ष्‍मण को देना चाहिए। इसके अलावा द्रविड़ ने अपने डेब्‍यू मैच से लेकर सौरव गांगुली के धीमे दौड़ने की कहानियों का भी जिक्र किया।

युवराज वाली बात जब पता चली

गौरव कपूर ने राहुल द्रविड़ को बताया था कि 2005 में उन्‍होंने युवराज सिंह को मात देकर सेक्सिएस्‍ट स्‍पोर्ट्स पर्सन का खिताब जीता था। यह जानकर द्रविड़ हैरान रह गए। उन्‍होंने जवाब दिया, 'क्‍या, ये सच है। मैंने युवी को मात दी। बहुत अच्‍छे। शायह प्रतिस्‍पर्धा नहीं रही होगी। अगर ऐसा है तो मैं इसे क्रिकेट से भी बड़ी उपलब्धि मानूंगा। क्‍या इसके लिए कोई सर्टिफिकेट मिलता है तो मैं घर में सजा के रखूंगा। वहां पर लिखता- इसके लिए युवराज सिंह को मात दी थी।'

इसके अलावा राहुल द्रविड़ ने अपने करियर के सबसे महत्‍वपूर्ण पल के बारे में बात करते हुए कहा था कि डेब्‍यू मैच यादगार है। इसके अलावा ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ 2001 में ईडन गार्डन्‍स में खेला गया मैच भी यादगार था। द्रविड़ ने कहा था, 'जब आप देश के लिए खेलने जाते हो तो वो पल कभी भूल नहीं पाते। मुझे अचानक सफलता नहीं मिली थी। मैंने 5 साल तक घरेलू क्रिकेट में मेहनत की थी। लंबे समय से टेस्‍ट खेलने का सपना देख रहा था। इसलिए मेरे लिए डेब्‍यू विशेष था।'

उन्‍होंने आगे कहा था, 'मैं तो सिर्फ एक टेस्‍ट मैच खेलना चाहता था और फिर इसका बेहतरीन अनुभव रहा। कुछ समय बाद नंबर्स पर से ध्‍यान हट गया था। मैं बस अपनी प्रतिभा और क्षमता के मुताबिक सर्वश्रेष्‍ठ बल्‍लेबाजी करना चाहता था। मुझे खूब मौके मिले।' बता दें कि राहुल द्रविड़ दुनिया के उन चुनिंदा बल्‍लेबाजों में से एक हैं, जिन्‍होंने वनडे और टेस्‍ट दोनों प्रारूपों में 10,000 से ज्‍यादा रन बनाए हैं। द्रविड़ ने 164 टेस्‍ट में 52.3 की औसत से 13,288 रन बनाए हैं। वहीं 344 वनडे में 39.2 की औसत से 10,889 रन बनाए हैं।

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