एंटिगा: अंडर19 विश्व कप 2022 में खेल रहे युवा ऑलराउंडर राज बावा ने इंग्लैंड के खिलाफ शनिवार को खेले फाइनल मुकाबले में शानदार गेंदबाजी करते हुए 31 रन देकर 5 विकेट झटके। इसके साथ ही वो किसी भी आईसीसी स्पर्धा के फाइनल में पांच विकेट झटकने वाले पहले भारतीय भी बन गए। उन्होंने अंडर19 विश्व कप के फाइनल में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन का भी रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। उन्हें फाइनल मुकाबले में मैन ऑफ द मैच चुना गया।
राज बावा और रवि कुमार की फाइनल में गेंदबाजी की बदौलत ही भारत इंग्लैंड को 189 रन पर ढेर करके खिताब अपने नाम करने में सफल हुई। लेकिन इससे इतर पूरे विश्व कप के दौरान अपने शानदार ऑलराउंड प्रदर्शन के बल पर राज ने साल 1983 में टीम इंडिया को वर्ल्ड चैंपियन बनाने वाले कप्तान कपिल देव 83 वाले एक बड़े रिकॉर्ड की बराबरी भी कर ली।
एक विश्व कप में खेली 150 रन से ज्यादा की पारी और झटका पंजा
राज बावा कपिल देव के बाद किसी भी आईसीसी स्पर्धा के एक संस्करण में 150 रन से ज्यादा की पारी खेलने के साथ-साथ एक मैच में 5 विकेट झटकने का दोहरा कारनामा करने वाले दुनिया के दूसरे खिलाड़ी बन गए हैं। बावा ने मौजूदा अंडर-19 विश्व कप में युगांडा के खिलाफ नाबाद 162 रन की पारी खेली थी। शनिवार को उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 31 रन देकर पांच विकेट भी झटके।
कपिल देव ने 1983 में किया था दोहरा कारनामा
कपिल देव ने 1983 में इंग्लैंड में आयोजित विश्व कप के दौरान जिंबाब्वे के खिलाफ 175 रन की नाबाद पारी खेली थी। इसके अलावा उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 43 रन देकर 5 विकेट झटके थे। उसके बाद से अबतक दुनिया का और कोई खिलाड़ी एक आईसीसी इवेंट में गेंद और बल्ले के साथ इस दोहरा कारनामा नहीं दोहरा सका था। 39 साल बाद कपिल देव के साथ ऑलराउंडर्स की इस स्पेशल लिस्ट में राज अंगद बावा ने अपना नाम दर्ज करा लिया है।
युवराज के पदचिन्हों पर चलकर बनाई पहचान
मौजूदा विश्व कप में राज बावा का प्रदर्शन बेहद शानदार रहा है। युवराज सिंह के बचपन के कोच के बेटे राज ने युवराज के पदचिन्हों पर चल दिए हैं। जिस तरह उनके आदर्श युवराज सिंह ने साल 2000 में श्रीलंका में आयोजित अंडर19 विश्व कप में भारतीय टीम को पहली बार विश्व चैंपियन बनाने में अहम भूमिका अदा की थी। कुछ वैसा ही राज बावा ने भी कर दिखाया है।
बावा का ऐसा रहा वर्ल्ड कप में प्रदर्शन
बावा ने टूर्नामेंट में खेले 6 मैच की 5 पारियों में 1 बार नाबाद रहते हुए 63.00 की औसत और 100.80 के स्ट्राइक रेट से 252 रन बनाए। वो अंगकृष रघुवंशी के बाद टूर्नामेंट में दूसरे सबसे सफल भारतीय बल्लेबाज रहे। युगांडा के खिलाफ उनकी खेली उनकी 162* रन की नाबाद पारी टूर्नामेंट में किसी भी खिलाड़ी द्वारा खेली सबसे बड़ी पारी रही। वहीं इसी दौरान गेंदबाजी करते हुए उन्होंने 16.66 की औसत और 4.50 की इकोनॉमी के साथ 9 विकेट झटके।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टूर्नामेंट का आगाज उन्होंने 47 रन देकर 4 विकेट के साथ किया था। इसके बाद वो फाइनल से पहले और कोई विकेट नहीं हासिल कर सके। लेकिन कप्तान ने उनपर भरोसा कायम रखा और फाइनल जैसे अहम मुकाबले में उन्होंने 5 विकेट झटकने का कारनामा कर दिखाया।
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