नई दिल्लीः ढांचागत बदलाव के साथ उतर रही राजस्थान रॉयल्स की टीम नई विरासत तैयार करने के लक्ष्य के साथ उतरेगी लेकिन कमजोर भारतीय दल और विदेशी खिलाड़ियों पर अधिक निर्भरता से पहले इंडियन प्रीमियर लीग टूर्नामेंट के विजेता की आगामी आईपीएल में संभावनाओं को नुकसान हो सकता है।
पिछले सत्र में अंतिम स्थान पर रहे रॉयल्स ने नए सत्र के लिए प्रबंधन और टीम दोनों में बदलाव किए हैं। टीम से रिलीज किए गए स्टीव स्मिथ की जगह संजू सैमसन को कप्तान बनाया गया है जबकि कोच एंड्रयू मैकडोनाल्ड को बाहर करके श्रीलंका के पूर्व महान क्रिकेटर कुमार संगकारा को क्रिकेट निदेशक बनाया गया है।
16 करोड़ी खिलाड़ी मचाएगा धमाल?
जोफ्रा आर्चर पर काफी निर्भर तेज गेंदबाजी आक्रमण को मजबूत करने के लिए रॉयलस ने दक्षिण अफ्रीका के आलराउंडर क्रिस मौरिस को 16 करोड़ 25 लाख रुपये की भारी भरकम राशि में खरीदा जिससे वह आईपीएल के इतिहास के सबसे महंगे खिलाड़ी बने। पिछले सत्र के टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी आर्चर चोट के कारण आईपीएल के शुरुआती मैचों से बाहर हो गए हैं जिससे टीम को झटका लगा है। टीम को अपने पहले मैच में 12 अप्रैल को मुंबई में पंजाब किंग्स से भिड़ना है।
राजस्थान रॉयल्स का मजबूत पक्ष
टीम के मजबूत पक्ष की बात करें तो उसके पास कई आक्रामक बल्लेबाज हैं। जोस बटलर और बेन स्टोक्स के रूप में टीम के पास दो मैच विजेता खिलाड़ी हैं जबकि सैमसन में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। टीम के पास दक्षिण अफ्रीका के डेविड मिलर और मौरिस के रूप में दो आक्रामक बल्लेबाज हैं। इंग्लैंड के टी20 विशेषज्ञ लियाम लिविंगस्टोन भी मैच का रुख बदलने में सक्षम हैं। पिछले सत्र में शानदार प्रदर्शन करने वाले आलराउंडर राहुल तेवतिया ने बड़े शॉट खेलने की अपनी क्षमता दिखाई है।
संगकारा से उम्मीदें, लेकिन टीम में बड़े भारतीय खिलाड़ी नहीं
संगकारा के रूप में रॉयल्स के पास एक मजबूत रणनीतिकार है जिनके पास बांटने के लिए काफी क्रिकेट अनुभव है। टीम में हालांकि बड़े भारतीय खिलाड़ी नहीं है और घरेलू खिलाड़ियों के प्रदर्शन में निरंतरता भी नहीं है। पिछले कुछ वर्षों में सैमसन ने बामुश्किल ही लगातार पांच मैचों में अच्छा प्रदर्शन किया है। वर्ष 2018 में 11 करोड़ 50 लाख रुपये में खरीदे गए तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं जबकि मनन वोहरा ने कुछ मौकों पर ही प्रभावी प्रदर्शन किया है।
युवा खिलाड़ियों पर निर्भर
ऐसे में टीम को रियान पराग, तेज गेंदबाज कार्तिक त्यागी और यशस्वी जायसवाल जैसे युवा खिलाड़ियों पर निर्भर होना पड़ रहा है। रॉयल्स ने कुछ खिलाड़ियों को भारी भरकम राशि में खरीदा है लेकिन स्टोक्स के अलावा अधिकतर खिलाड़ी उम्मीद पर खरे नहीं उतरे।
सैमसन की फॉर्म और निरंतरता पर हमेशा सवाल उठता रहा है। वह टी20 अंतरराष्ट्रीय में मिले कुछ मौकों को भुनाने में भी नाकाम रहे। यह उनके पास हालांकि अपना कौशल और नेतृत्व क्षमता दिखाने का शानदार मौका होगा जिससे राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने की उनकी दावेदारी मजबूत हो सकती है।
सैमसन को कप्तानी का अधिक अनुभव नहीं है और इस जिम्मेदारी का उनकी बल्लेबाजी पर भी असर पड़ सकता है। दायें हाथ का यह आक्रामक बल्लेबाज शायद कप्तानी की जिम्मेदारी मिलने के बाद उतनी स्वतंत्रता के साथ बल्लेबाजी नहीं कर पाए। रॉयल्स को अहम मौकों पर उनकी अनुभवहीनता का नुकसान भी हो सकता है।
एकजुट ना होना बड़ी कमजोरी
टीम ने पिछले सत्र में शानदार व्यक्तिगत प्रदर्शन की बदौलत मुकाबले जीते लेकिन एक टीम के रूप में काम करने में विफल रही। टीम आर्चर पर काफी अधिक निर्भर है और मौरिस की मौजूदगी के बावजूद इंग्लैंड के गेंदबाज की गैरमौजूदगी से टीम का तेज गेंदबाजी आक्रमण कमजोर नजर आता है। टीम को आर्चर के जल्द से जल्द उसके साथ जुड़ने की उम्मीद होगी। कमजोर भारतीय दल और विदेशी खिलाड़ियों पर अधिक निर्भरता टीम के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकती है।
आईपीएल 2021 के लिए राजस्थान रॉयल्स की टीम इस प्रकार हैं
संजू सैमसन (कप्तान), जोस बटलर, बेन स्टोक्स, यशस्वी जायसवाल, मनन वोहरा, अनुज रावत, रियान पराग, डेविड मिलर, राहुल तेवतिया, महिपाल लोमरोर, श्रेयस गोपाल, मयंक मारकंडेय, जोफ्रा आर्चर, एंड्रयू टाइ, शिवम दुबे, क्रिस मौरिस, मुस्ताफिजुर रहमान, चेतन सकारिया, केसी करियप्पा, लियाम लिविंगस्टोन, कुलदीप यादव, आकाश सिंह, जयदेव उनादकट और कार्तिक त्यागी।
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