बेफिक्रे रवि शास्‍त्री के बोल- भाड़ में जाए पिच, हम तो कहीं भी 20 विकेट लेकर ही मानेंगे

क्रिकेट
Updated Oct 22, 2019 | 13:34 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में जीत को टीम इंडिया के हेड कोच रवि शास्त्री ने टीम की जीत बताया है। उन्होंने ये भी बताया कि पांच साल में टीम इंडिया में आया कौन सा बड़ा बदलाव।

Ravi Shastri
Ravi Shastri  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • रवि शास्‍त्री ने टीम इंडिया की सबसे बड़ी ताकत बताई
  • शास्‍त्री ने कहा कि हमारे गेंदबाज किसी भी पिच पर 20 विकेट लेने में सक्षम
  • शास्‍त्री ने कहा कि इस सीरीज में हमारे 6-7 खिलाड़ी चर्चित हुए

रांची: भारतीय क्रिकेट टीम ने मंगलवार को रांची टेस्ट में दक्षिम अफ्रीका को पारी और 202 रन के अंतर से मात देकर सीरीज पर 3-0 के अंतर से कब्जा कर लिया। पहली बार टीम इंडिया दक्षिण अफ्रीका का टेस्ट सीरीज में सूपड़ा साफ  करने में सफल हुई है। इस जीत से सबसे ज्यादा खुश अगर कोई है तो वो है टीम इंडिया के कोच रवि शास्त्री। शास्त्री के बतौर कोच दूसरा कार्यकाल दिए जाने के बाद भारतीय टीम ने लगातार दूसरी सीरीज में विरोधी टीम का सूपड़ा साफ किया है। सबसे पहले टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज को उसके घर में 2 मैच की सीरीज में 2-0 के अंतर से मात दी थी। इसके बाद अपने घर पर दक्षिण अफ्रीकी शेरों को 3-0 से पटखनी देकर टेस्ट क्रिकेट में अपनी बादशाहत बरकरार रखी है। 

रांची टेस्ट में जीत के बाद जब रवि शास्त्री से ये पूछा गया कि टीम इडिया में पिछले पांच साल में टीम में क्या फर्क आया है तो उन्होंने कहा कि गेंदबाजों की 20 विकेट लेने की क्षमता हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा, हमारी ये ख्वाहिश थी कि पिच को निकालो गेम से। भाड़ में गई पिच। हमें 20 विकेट निकालने हैं हम चाहे जोहान्सबर्ग में खेल रहे हो, मुंबई हो, दिल्ली हो, ऑकलैंड हो या मेलबर्न जहां हम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीते। 

उन्होंने आगे कहा, हमें किसी भी तरह 20 विकेट निकालने थे। इसके लिए हमें फास्ट बॉलर्स भी चाहिए थे और स्पिनर्स भी। यानी एक टीम यूनिट की जरूरत थी जो मैच में 20 विकेट निकाल सके।'

गेंदबाजों के बाद शास्त्री ने बल्लेबाजों की भी तारीफ की और कहा, 20 विकेट निकालने के बाद अब हमारे पास जो बैटिंग है अगर वो अगर चल निकली तो ये समझिये कि फरारी चल गई। हमारी बैटिंग मजबूत है जिसमें रोहित शर्मा, विराट कोहली,अजिंक्य रहाणे, पुजारा और मयंक अग्रवाल जैसे बल्लेबाज हैं। एक बार वो शुरू हो गए तो उन्हें रोकपाना मुश्किल है। 

रहाणे ने खुद को खोजा

शास्त्री ने रहाणे की तारीफ करते हुए कहा, 'वो मिडिल ऑर्डर में था ही उसे कहीं नहीं जाना था। उसे बस खुद को रीडिस्कवर करना था जो उसने किया।' रहाणे ने वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज में शतक जड़ा था इसके बाद 3 साल बाद घर पर शतक जड़ने में सफल हुए हैं।

वही उन्होंने रोहित शर्मा की बतौर ओपनर सफल होने की तारीफ करते हुए कहा, रोहित शर्मा अलग चीज है क्योंकि जब ओपनिंग बैटिंग करनी होती तो आपका माइंडसेट थोड़ा अलग होना चाहिए। क्योंकि बतौर ओपनर आप पहली दस गेंदों में आउट हो सकते हैं। आपको पता नहीं होता कि पिच कैसी है। जैसे की रांची में पहली दिन पिच कैसी थी वो मुश्किल थी। उसने 2 घंटे उस मुश्किल परिस्थिति को डटकर झेला। उसे इस दौरान गेंदें छोड़नी पड़ी, कई बार बीट हुए, गेंद पैड पर भी लगी। लेकिन रोहित की सोच थी कि शुरुआत के दो घंटे निकालने हैं शायद उसके बाद पिच बल्लेबाजी के लिए अच्छी हो जाएगी और बाद में बिलकुल वही हुआ। 

टीम के हेड कोच ने आगे कहा, एक ओपनर के रूप में जो माइंडसेट होता है वो है कि मैं पहली गेंद पर भी आउट हो सकता हूं। अगर पिच में दम है तो बॉलर हमको दस बार बीट करेगा। तो हम खराब भी दिख सकते हैं लेकिन उन सब चीजों को छोड़ना चाहिए। क्योंकि वो समय अगर एक बार निकल गया तो दादा बस एक ही होता है वो है ओपनिंग बैट्समैन और जब वो डेढ़ सौ से दो सौ रन बनाता है तो उसके जैसा जॉब सेटिसफैक्शन टीम के किसी बल्लेबाज को नहीं मिलता। जो रोहित शर्मा ने इस सीरीज में किया वो बड़ा जबरदस्त प्रदर्शन है। 

नदीम का यादगार डेब्‍यू

शाहबाज नदीम की गेंदबाजी से शास्त्री बेहद प्रभावित हुए। नदीम की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा, मैं उनके खेल से बहुत प्रभावित हूं। बुधवार को जब उसने अपना पहला विकेट लिया तो मैंने कहा बिशन सिंह बेदी अगर देख रहे होंगे तो वो इस गेंद को देखकर बेहद खुश होंगे। वो गेंद शानदार थी। उस गेंद पर उनका एक्शन क्लासिक बांए हाथ के स्पिनर का था।' 

शास्त्री ने आगे कहा, नदीम फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 420 से ज्यादा विकेट ले चुका है। हमें खुशी है कि उनका लंबा इंतजार खत्म हो गया। उसके लिए घरेलू दर्शकों के सामने टेस्ट डेब्यू करना और चार विकेट लेना शानदार रहा।  टेस्ट क्रिकेट में उनकी गेंदबाजी की शुरुआत सबसे बेहतरीन थी। पहले तीन ओवर उन्होंने मेडन डाले। इस दौरान उन्होंने सटीक जगह पर गेंद डाली। ये क्षण इस बात की तस्दीक करता है कि इस खिलाड़ी ने बहुत घरेलू क्रिकेट खेली है। उसके लिए प्रथम श्रेणी मैच और टेस्ट क्रिकेट एक जैसा है। उसे मैदान पर आकर केवल अपना काम करना है। बल्लेबाज को कुछ बदलाव करने पड़ते हैं लेकिन उसे अपनी गेंदबाजी में किसी तरह का बदलाव करने की जरूरत नहीं है। 

हमारे कई खिलाड़ी हुए चर्चित

अंत में शास्त्री ने फ्रीडम ट्रॉफी जीत को टीम की जीत बताते हुए कहा, ये जीत टीम की जीत है। आम तौर पर हम देखते हैं कि भारत में दो खिलाड़ी सीरीज में सुर्खियां बटोरते हैं लेकिन इस टीम में छह से सात खिलाड़ी ऐसे हैं। आपका कप्तान सामने से नेतृत्व करता है। उन्होंने सीरीज में दोहरा शतक जड़ा। आपकी टीम के दोनों ओपनर्स ने दोहरे शतक जड़े। आपके पास अजिंक्य रहाणे जैसा मध्यमक्रम का बल्लेबाज है जिसने शतक जड़ा। पुजारा ने भी अपनी भूमिका अदा की। जडेजा ने शानदार बल्लेबाजी करने के साथ-साथ विकेट भी झटके। आप ऐसे 7-8 खिलाड़ियों का चुनाव कर सकते हैं जो हर समय अपना योगदान देते रहते हैं। आप ऐसी भारतीय टीम की आशा करते हैं  

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