भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) का मानना है कि उनकी पीढ़ी के खिलाड़ियों का पत्रकारों के साथ जैसा बेहतर तालमेल था, वह मौजूदा दौर के क्रिकेटरों और उन्हें कवर करने वाले लेखकों की तुलना में कहीं बेहतर था। भारत के लिए 80 टेस्ट और 150 एकदिवसीय खेलने वाले इस पूर्व खिलाड़ी ने कहा कि मीडिया हर युग और समय से जुड़ रहा है। इसमें काफी विकास हुआ है। मीडिया हाउस, इलेक्ट्रॉनिक और अब डिजिटल मीडिया के आने के बाद खिलाड़ियों के लिए दोस्त बने रहना बहुत मुश्किल है।
रवि शास्त्री ने खालिद ए-एच अंसारी के एक संस्मरण ‘इट्स ए वंडरफुल वर्ल्ड’ के लॉन्च पर कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि इसमें काफी बदलाव हुआ है। जब हम खेल रहे थे तब से काफी बदलाव हुआ है। पत्रकारों के साथ हमारे जो समीकरण थे, वह आज के खिलाड़ियों के मुकाबले काफी बेहतर थे। मैं पिछले सात सालों से ड्रेसिंग रूम का हिस्सा हूं।’’
शास्त्री के इन बातों के संदर्भ को समझना मुश्किल नहीं था क्योंकि हाल ही में भारत के अनुभवी विकेटकीपर रिद्धिमान साहा ने आरोप लगाया था कि एक पत्रकार ने साक्षात्कार के लिए उन्हें कथित रूप से ‘धमकी दी थी। शास्त्री उन प्रमुख पूर्व खिलाड़ियों में से एक थे जिन्होंने साहा से पत्रकार का सार्वजनिक रूप से नाम लेने और उन्हें शर्मसार करने का आग्रह किया था।
इस पूर्व हरफनमौला ने कहा कि वह इन चीजों के लिए हालांकि पत्रकारों और खिलाडियों को दोषी नहीं मानते है। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि मैं लोगों (पत्रकारों और खिलाड़ियों) को दोष नहीं देना चाहता हूं, क्योंकि आज के खिलाड़ियों पर जो सुर्खियां मिलती है, वैसा हमारे समय में नहीं था। हमारे समय में प्रिंट मीडिया के अलावा टेलीविजन (दूरदर्शन) शुरू ही हुआ था। लेकिन आज मीडिया और सोशल मीडिया में मौजूद मंचों के साथ, खेल को कवर करने वाले समाचार चैनलों की संख्या अविश्वसनीय रूप से काफी ज्यादा है।’’
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