Ravichandran Ashwin : तमिलनाडु के रहने वाले दिग्गज ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन आज भी वह दिन नहीं भूलते, जब 2011 में भारतीय टीम ने महेंद्र सिंह धोनी की अगुआई में वनडे विश्व कप खिताब जीता था। दरअसल, अश्विन ने कुछ महीने पहले ही अंतरराष्ट्रीय एकदिवसीय क्रिकेट में पदार्पण किया था और तुरंत ही उन्हें विश्व कप खेलने वाली भारतीय टीम में शामिल कर लिया गया था।
सपने के सच होने जैसा था अहसास
अश्विन से कुछ समय पहले जब एक इंटरव्यू में 2011 विश्व कप के उनके अनुभव के बारे में पूछा गया तो उनका चेहरा खिल गया। अश्विन ने कहा, मैंने 05 जून 2010 को अपने वनडे करियर का आगाज किया था और विश्व कप का आयोजन अगले ही साल 19 फरवरी 2011 से था। विश्व कप के समय तक मैंने बहुत ज्यादा वनडे मैच नहीं खेले थे। लेकिन जब विश्व कप खेलने वाली भारतीय टीम में मेरा चयन हुआ तो एकबार के लिए तो मुझे विश्वास ही नहीं हुआ। मैं हमेशा विश्व कप खेलने वाली टीम का हिस्सा बनना चाहता था। ऐसे में मुझे जब टीम में शामिल किया गया तो यह मेरे लिए किसी सपने के सच होने जैसा ही था।
विश्वास नहीं हो रहा था कि मैं चैंपियन टीम का हिस्सा हूं
अश्विन ने कहा कि जब हमने वानखेड़े स्टेडियम में श्रीलंका को हराकर विश्व कप खिताब जीता तो मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा था कि हम चैंपियन बन गए हैं। हम इस विश्व कप को महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के लिए जीतना चाहते थे, जिनका संभवत यह आखिरी विश्व कप था। सचिन 1992 से लगातार विश्व कप खेल रहे थे और कभी भी विश्व कप जीतने वाली टीम का हिस्सा नहीं बन सके थे। यह उनका छठा विश्व कप था और वह हमेशा यही प्रार्थना करते रहते थे कि क्रिकेट से संन्यास लेने से पहले काश वह विश्व कप जीतकर अपना सपना पूरा कर सकें। मैं सोच रहा था कि सचिन जैसे दिग्गज बल्लेबाज को अपना सपना पूरा करने में सालों लग गए जबकि मैंने सिर्फ एक साल के अंदर सबसे कीमती चीज हासिल कर ली।
फाइनल ना खेल पाने का गम नहीं
2011 विश्व कप में अश्विन को फाइनल मैच खेलने का मौका नहीं मिला। लेकिन उन्होंने कहा कि इस बात का उन्हें कभी भी गम नहीं रहा। अश्विन ने कहा कि पीयूष चावला के साथ वह स्टैंड्स में बैठे थे और दोनों टीम की हौसला अफजाई कर रहे थे। अश्विन ने साथ ही खुलासा किया था कि चावला के साथ बैठकर उन्हें काफी मजा आया क्योंकि प्रत्येक बाउंड्री के बाद लेग स्पिनर बता रहे थे कि इस पर कितने रुपए मिलेंगे। यह किस्सा बताते हुए अश्विन अपनी हंसी नहीं रोक पा रहे थे।
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