ऑस्‍ट्रेलियाई क्रिकेटर का दावा, रविचंद्रन अश्विन तोड़ देंगे मुथैया मुरलीधरन के 800 विकेट का रिकॉर्ड!

Brad Hogg on Ravichandran Ashwin: ऑस्‍ट्रेलिया के पूर्व चाइनामैन ब्रेड हॉग का मानना है कि रविचंद्रन अश्विन 42 साल की उम्र तक खेल सकते हैं और मुरलीधरन के 800 टेस्‍ट विकेट का रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं।

ravichandran ashwin
रविचंद्रन अश्विन 
मुख्य बातें
  • ब्रेड हॉग ने कहा कि अश्विन टेस्‍ट में मुरलीधरन का रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं
  • हॉग ने कहा कि अश्विन 42 की उम्र तक खेलकर सबसे ज्‍यादा टेस्‍ट विकेट ले सकते हैं
  • 34 साल के अश्विन ने अब तक टेस्‍ट क्रिकेट में 409 विकेट चटकाए हैं

नई दिल्‍ली: ऑस्‍ट्रेलिया के पूर्व चाइनामैन ब्रेड हॉग उन क्रिकेटरों में शामिल हैं, जो रविचंद्रन अश्विन और उनकी उपलब्धियों के प्रशंसक हैं। 34 साल के अश्विन ने इतने सालों में भारत के प्रमुख स्पिनर की भूमिका निभाई ह। यही नहीं, रवींद्र जडेजा की गैरमौजूदगी में अश्विन ने बल्‍ले से भी अपना जोर दिखाया और भारत को मार्च में इंग्‍लैंड के खिलाफ 3-1 से टेस्‍ट सीरीज जीतने में अहम भूमिका निभाई। रविचंद्रन अश्विन ने इंग्‍लैंड के खिलाफ घरेलू जमीन पर खेली गई टेस्‍ट सीरीज को यादगार बनाते हुए 32 विकेट चटकाए और एक शतक भी जड़ा।

इसी सीरीज के दौरान अश्विन सबसे तेज 400 टेस्‍ट विकेट लेने वाले गेंदबाज बने। चेन्‍नई के क्रिकेटर से अब आगामी विश्‍व टेस्‍ट चैंपियनशिप और इंग्‍लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्‍ट सीरीज में शानदार प्रदर्शन की उम्‍मीद की जा रही है। हॉग का मानना है कि अश्विन अगले पांच-छह साल तक क्रिकेट खेलना जारी रखें तो मुथैया मुरलीधरन के रिकॉर्ड को चुनौती दे सकते हैं। बता दें कि रविचंद्रन अश्विन ने अब तक 78 टेस्‍ट मैच खेले, जिसमें 409 विकेट लिए हैं।

हॉग ने टाइम्‍सनाउ न्‍यूज डॉट कॉम से बातचीत के दौरान कहा, 'मेरे ख्‍याल से अश्विन टेस्‍ट क्रिकेट में 42 साल की उम्र तक खेल सकता है। मेरे ख्‍याल से उसके बल्‍लेबाजी प्रदर्शन में गिरावट आएगी, लेकिन वह गेंद से और खतरनाक होते जाएगा। मैं उन्‍हें कम से कम 600 से ज्‍यादा विकेट लेते हुए देखना चाहता हूं। वो तो मुथैया मुरलीधरन के 800 टेस्‍ट विकेट के रिकॉर्ड को भी तोड़ सकते हैं।'

अश्विन में विकेट लेने की भूख बरकरार: हॉग

ब्रेड हॉग ने कहा कि रविचंद्रन अश्विन में विकेट लेने की भूख बरकरार है और उनकी हमेशा कोशिश रहती है कि स्पिनर्स में सर्वश्रेष्‍ठ बने रहे। यही बात उन्‍हें सबसे जुदा करती है। पूर्व कंगारू क्रिकेटर ने कहा कि अश्विन के सीखने की कला, उसका प्रयोग करना और सफल होना, भारत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचने में मदद करता रहा है।

चाइनामैन ने कहा, 'रविचंद्रन अश्विन के सफल होने का कारण लगता है कि वो स्थिति के हिसाब से खुद को ढालते हैं और क्रिकेटर के रूप में प्रगति करने की उनकी भूख बरकरार है। इंग्‍लैंड की परिस्थिति को समझने के लिए उन्‍होंने काउंटी क्रिकेट खेला और पिछले कुछ सालों में वो बेहद सफल रहे हैं।'

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