WTC Final: रविचंद्रन अश्विन ने कहा- जिस दिन ऐसा हुआ तो हमेशा के लिए छोड़ दूंगा क्रिकेट

Ravichandran Ashwin: टीम इंडिया के लिए विश्‍व टेस्‍ट चैंपियनशिप में सबसे ज्‍यादा विकेट लेने वाले रविचंद्रन अश्विन ने अपने संन्‍यास को लेकर बड़ी अपडेट दी है। जानिए टीम इंडिया के प्रमुख ऑफ स्पिनर ने क्‍या कहा।

ravichandran ashwin
रविचंद्रन अश्विन 
मुख्य बातें
  • रविचंद्रन अश्विन ने अपने संन्‍यास को लेकर बड़ा बयान दिया
  • अश्विन ने कहा कि जिस दिन महसूस हुआ कि सुधार की ललक कम हुई तो खेल छोड़ दूंगा
  • अश्विन विश्‍व टेस्‍ट चैंपियनशिप में सबसे ज्‍यादा विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाज हैं

साउथैम्‍प्‍टन: अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने कहा कि प्रतिस्पर्धा से उन्हें सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की प्रेरणा मिलती है और जिस दिन उन्हें लगा कि खुद में सुधार करने की उनकी ललक कम हो रही है तो वह खेल छोड़ देंगे। अश्विन को खेल के पहलुओं के बारे में सोचने वाले क्रिकेटर के रूप में जाना जाता है, जो हमेशा अपने खेल में कुछ नया, कुछ अतिरिक्त तलाशने का प्रयास करते हैं। उनका यह रवैया उनके पूरे करियर के लिए फायदेमंद रहा है।

अश्विन ने भारत और न्यूजीलैंड के बीच यहां खेले जा रहे विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल से पहले आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) से कहा, 'टेस्ट क्रिकेट की खूबी यह है कि आप हमेशा 'परफेक्ट (सर्वोत्त्म)' बनने की ख्वाहिश रखते हैं, लेकिन आप उत्कृष्टता से भी खुशी हासिल कर सकते हैं। इसलिए मैं ऐसा करता हूं। मुझे लगता है कि मैंने अपने करियर में अब तक जो कुछ भी हासिल किया है, वह इसी नजरिये के कारण है, मैंने किसी भी चीज के लिए समझौता नहीं किया, लगातार सुधार की तलाश में रहता हूं।'

भारतीय स्पिनर ने कहा, 'मैं फिर से यह कहना चाहूंगा कि अगर मुझे अलग-अलग चीजें करना पसंद नहीं होगा और मैं कुछ नया करने के लिए धैर्य नहीं रख पाउंगा या संतुष्ट हो जाउंगा तो मैं खेल जारी नहीं रख सकता हूं।' चेन्नई के इस 34 साल के गेंदबाज ने टेस्ट क्रिकेट में 409 विकेट चटकाये हैं। उन्हें विवादों से जुड़ना पसंद नहीं है लेकिन अगर छेड़ा गया तो वह अपने प्रदर्शन से जवाब देने में पीछे नहीं हटते है।

संघर्ष करने में अच्‍छा लगता है: अश्विन

उन्होंने कहा, 'ऐसा नहीं है कि मैं विवादों का लुत्फ उठाता हूं, लेकिन मुझे संघर्ष करने में अच्छा लगता है और यही कारण है कि मैं यहां तक पहुंचा हूं। मैं जीत का उतना जश्न नहीं मनाता जितना मुझे आदर्श रूप से मनाना चाहिए क्योंकि मेरे लिए जीत एक घटना भर है। मैं मानता हूं कि यह योजना और अभ्यास के समावेश से मिलता है। मैं जीतने के बाद भी बैठकर सोचता हूं कि इससे बेहतर क्या हो सकता है।'

उन्होंने स्वीकार किया कि वह अपने प्रदर्शन के बारे में ज्यादा बात करना पसंद नहीं करते क्योंकि उनके लिए खेल खेलना और इसमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करना उनका पेशा है। उन्होंने कहा, 'ईमानदारी से कहूं तो मैं वास्तव में अपने प्रदर्शन पर ज्यादा ध्यान नहीं देता हूं। सच्चाई से कहूं तो मैं मुझे यह तथ्य पसंद नहीं कि मैं किस कारण से पहचाना जाता हूं। भारत में आपकी बहुत प्रशंसा होती है लेकिन मैं सिर्फ एक सामान्य व्यक्ति हूं जो खेल खेलकर शांति और खुशी पाता है।'

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