ऋषभ पंत को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज से ज्‍यादा इस बात की है खुशी, बोले- बहुत राहत महसूस हुई

Rishabh Pant on bio bubble: दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पांच टी20 इंटरनेशनल मैचों की सीरीज के लिए भारतीय टीम के उप-कप्‍तान ऋषभ पंत ने कहा कि बायो-बबल नहीं होने से काफी राहत महसूस हो रही है। भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच 9 जून से सीरीज शुरू होगी।

Rishabh Pant
ऋषभ पंत 
मुख्य बातें
  • भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच पांच टी20 इंटरनेशनल मैचों की सीरीज
  • बीसीसीआई ने आगामी सीरीज में बायो-बबल का उपयोग नहीं किया है
  • पंत को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी20 इंटरनेशनल सीरीज के लिए भारत का उप-कप्‍तान बनाया है

नई दिल्‍ली: दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पांच टी20 इंटरनेशनल मैचों की सीरीज के लिए भारतीय टीम के उप-कप्‍तान बनाए गए ऋषभ पंत ने कहा कि वो बायो-बबल माहौल से बाहर निकलकर राहत महसूस कर रहे हैं। कोविड-19 महामारी के कारण पंत ने पिछले करीब दो साल सख्‍त माहौल में बिताएं हैं। बीसीसीआई ने फैसला किया है कि आगामी टी20 इंटरनेशनल सीरीज में वो बायो-बबल का उपयोग नहीं करेगी। भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच 9 जून से सीरीज शुरू होगी और देश के पांच स्‍थानों में पांच मुकाबले खेले जाएंगे। 

ध्‍यान दिला दें कि बीसीसीआई ने आईपीएल 2022 का आयोजन बायो-बबल माहौल में किया था। लीग चरण महाराष्‍ट्र के चार स्‍थानों में आयोजित किए गए। फिर प्‍लेऑफ और फाइनल कोलकाता व अहमदाबाद में आयोजित हुए थे। बायो-बबल पाबंदियों के मामले में खेल अब आम दिशा में लौट रहा है। ईसीबी ने न्‍यूजीलैंड के खिलाफ तीन मैचों की टेस्‍ट सीरीज में बायो-बबल का उपयोग नहीं किया और दर्शकों को स्‍टेडियम में प्रवेश की अनुमति दी। 

ऋषभ पंत ने एसजी क्रिकेट पॉडकास्‍ट से बातचीत में कहा, 'बायो-बबल से बाहर निकलना काफी संतुष्टिदायक है। उम्‍मीद है कि आगे बायो-बबल वाली चीजें नहीं हो। मैं बाहर अपने समय का आनंद उठा रहा हूं क्‍योंकि हम कई चीजों से गुजरें हैं। जब आप पूरे साल खेलते हैं और वो भी दबाव के साथ तो जरूरी है कि आप अपने दिमाग को रिलेक्‍स रखे। अगर आप दिमाग को तरोताजा नहीं रखेंगे तो अपना 100 प्रतिशत नहीं दे पाएंगे। हमें अपने दिमाग में काम करते रहना होता है और इसे तरोताजा रखना पड़ता है।'

ध्‍यान हो कि कई खिलाड़ी बायो-बबल की थकान के बारे में बता चुके हैं और बायो-बबल से मुक्‍त क्रिकेट को कराने के लिए रवि शास्‍त्री ने कई बातें कहीं। शास्‍त्री ने कहा था, 'जब आप छह महीने बबल में रहें, तो ऐसे कई खिलाड़ी हैं, जो सभी प्रारूपों में खेलते हैं। पिछले 24 महीनों में वो केवल 25 दिन घर पर रहे। मुझे परवाह नहीं कि आप कौन है। अगर आपका नाम ब्रेडमैन है और आप बबल में है तो आपकी औसत में गिरावट आएगी क्‍योंकि आप मनुष्‍य हैं। यह ऐसा नहीं है कि आपने पीछे पेट्रोल लगाया और उम्‍मीद की कि लड़का आगे बढ़ जाएगा।'

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