कोच्चि: टीम इंडिया के तेज गेंदबाज एस श्रीसंत के चेहरे पर समर्पण साफ समझ आ रहा था जब तेज गेंदबाज ने कहा- मुझे फोन करना और क्रिकेट खेलने के लिए मैं कही भी आ जाउंगा। 2007 वर्ल्ड टी20 और 2011 विश्व कप टीम के सदस्य एस श्रीसंत ने यह बयान हाल ही में सात साल का प्रतिबंध समाप्त होने के बाद दिया। उन्होंने कहा, 'मैं ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका और न्यूजीलैंड में एजेंट्स से बात कर रहा हूं क्योंकि इन देशों में मैं क्लब क्रिकेट खेलना चाहता हूं। मेरा लक्ष्य 2023 विश्व कप में देश का प्रतिनिधित्व करना है। एक और ख्वाहिश है कि जब एमसीसी और शेष दुनिया का मुकाबला हो तो मैं लॉर्ड्स में खेलूं।'
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने 2013 अगस्त में श्रीसंत पर आजीवन प्रतिबंध लगाया था क्योंकि आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग में वह लिप्त पाए गए थे। 2015 में दिल्ली की विशेष अदालत ने उन्हें सभी आरोपों से रिहा कर दिया था। 2018 में केरल हाई कोर्ट ने बीसीसीआई द्वारा क्रिकेटर पर लगाए आजीवन प्रतिबंध को हटाया और उनके खिलाफ सभी सुनवाइयों को खारिज किया। हालांकि, हाईकोर्ट की डिविजन बेंच ने प्रतिबंध दोबारा लागू किया।
इस आदेश के खिलाफ श्रीसंत सुप्रीम कोर्ट गए। पिछले साल मार्च में उच्च न्यायालय ने अपनी बात सही ठहराई, लेकिन बीसीसीआई से उनके प्रतिबंध की समयसीमा कम करने को कही। क्रिकेट बोर्ड ने फिर श्रीसंत के प्रतिबंध की अवधि घटाकर सात साल की, जो इस महीने 12 तारीख को समाप्त हुई। 37 साल के श्रीसंत ने 27 टेस्ट, 53 वनडे और 10 टी20 इंटरनेशनल मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया, जिसमें क्रमश: 87, 75 और 7 विकेट चटकाए।
बता दें कि एस श्रीसंत का बैन समाप्त होने के बाद उनकी पत्नी ने ट्विटर पर प्रतिक्रिया जाहिर की। श्रीसंत की पत्नी ने ट्वीट किया, 'तीन चीजें कभी भी लंबी नहीं छुपती, सूरज, चांद और सच्चाई। ओम शांति।' भुवनेश्वरी ने भगवान की फोटो शेयर की, जिसमें दिया के करीब नई गेंद रखी है और दाएं तरफ श्रीसंत की भारतीय टीम की कैप टंगी हुई है।
श्रीसंत भारतीय टीम में वापसी के करीब थे जब 2013 में उन पर प्रतिबंध लगाया गया था। उस साल जनवरी में श्रीसंत ने भारत ए के लिए इंग्लैंड के खिलाफ खेला था और मुंबई के खिलाफ शेष भारत का प्रतिनिधित्व भी किया था। श्रीसंत ने भारतीय टीम के लिए आखिरी मैच 2011 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में खेला था। जहां श्रीसंत ने घरेलू क्रिकेट में वापसी की पुष्टि की, वहीं उनका राष्ट्रीय टीम में दोबारा लौटना मुश्किल है।
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