मेलबर्न: महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने रविवार को करीब 6 साल बाद पहली बार बल्ला थामा। यह ऐतिहासिक पल रविवार को बिग अपील डबल-हेडर के ब्रेक के दौरान देखने को मिला जब भारत के महान बल्लेबाज ने साल की सर्वश्रेष्ठ महिला क्रिकेटर ऐलिसा पैरी के एक ओवर का सामना किया। चैरिटी मैच के इनिंग्स ब्रेक के दौरान तेंदुलकर और पैरी के बीच मुकाबला हुआ। ऐसा देखने में लगा कि तेंदुलकर ने कभी बल्लेबाजी से दूरी बनाई ही नहीं। मास्टर ब्लास्टर ने पहली ही गेंद पर स्क्वायर लेग की दिशा में बेहतरीन चौका जमा दिया।
याद हो कि सचिन तेंदुलकर ने 2013 में क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लिया था। उन्होंने आखिरी बार 2014 में एमसीसी के लिए प्रदर्शनी मैच खेला था। मैच के तेंदुलकर ने स्वीकार किया कि वह बल्लेबाजी करने जाने से पहले थोड़ा घबराए हुए थे। क्रिकेट के भगवान माने जाने वाले तेंदुलकर ने कहा, 'मुझे लगता है कि पैरी से ज्यादा मैं घबराया हुआ था। मुझे भरोसा नहीं था कि गेंद दिखेगी भी या नहीं। मैंने कल शाम को नेट्स पर उनसे कहा था कि मैंने एक थ्रोडाउन सत्र किया है। मैंने कहा, 'मैं गेंद को देख सकता हूं, लेकिन इस बात की गारंटी नहीं दे सकता कि गेंद बल्ले पर लगेगी। अच्छी बात यह है कि मैं गेंद को देख पा रहा हूं और पिच पर कुछ समय बिता सकूंगा।'
पूर्व भारतीय बल्लेबाज ने कहा कि क्रिकेट की जरुरत होती है कि काफी समय अभ्यास सत्र में बिताया जाए। उन्होंने कहा, 'यह आसानी से नहीं आती। एक व्यक्ति को घंटों नेट्स पर पसीना बहाना पड़ता है तभी वह गेंद और बल्ले के बीच बेहतर संपर्क बना पाता है।' तेंदुलकर ने साथ ही कहा कि वह डॉक्टर की सलाह के खिलाफ जाकर बल्लेबाजी करने उतरे, जिससे ऑस्ट्रेलिया के बुशफायर राहत कोष में ज्यादा रकम जुटा सके। महान बल्लेबाज ने कहा, 'आज मैंने डॉक्टर की सलाह के खिलाफ बल्लेबाजी की क्योंकि मैंने सोचा कि अगर पिच पर एक ओवर खेलूंगा तो हम ज्यादा रकम जुटा सकेंगे। यही हमारी सोच थी और इसलिए मैंने बल्लेबाजी की। मुझे लगता है कि हमने अपेक्षाकृत अच्छी रकम जुटाई।'
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