नई दिल्ली: पाकिस्तान क्रिकेट इस समय विवादों से घिरा हुआ है क्योंकि कई क्रिकेटरों ने क्रिकेट ईकाई पर बड़े-बड़े आरोप लगाए हैं। जहां तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर ने चयन नीति को अनुचित ठहराया, वहीं अनुभवी ऑलराउंडर शोएब मलिक ने पीसीबी पर नेपोटिज्म का आरोप लगाया। अब एक और पाकिस्तानी क्रिकेटर ने शासकीय ईकाई के खिलाफ बड़ा बयान दिया है और वो कोई और नहीं बल्कि शाहिद अफरीदी हैं। पाकिस्तान के पूर्व कप्तान ने याद किया कि कैसे आंतरिक प्रणानी में राजनीति ने उन्हें लगभग संन्यास लेने पर मजबूर कर दिया था।
पाकिस्तान के दिग्गज ऑलराउंडर्स में से एक अफरीदी का करियर शानदार रहा है। उन्होंने तीनों प्रारूपों में पाकिस्तान की कप्तानी की। हालांकि, अफरीदी ने हाल ही में खुलासा किया कि पाकिस्तान टीम में काफी राजनीति होती थी जब 2009 में शोएब मलिक को कप्तान नियुक्त किया गया। इसी साल पाकिस्तान ने आईसीसी टी20 विश्व कप जीता और अफरीदी ने सबसे ज्यादा अपने प्रदर्शन से प्रभावित किया। हालांकि, ऑलराउंडर सिस्टम के कारण अपने करियर पर विराम लगाना चाहते थे।
अफरीदी ने समा टीवी से बातचीत में कहा, 'मैंने क्रिकेट नहीं खेलने का फैसला कर लिया था। शोएब मलिक को कप्तान बनाया था और टीम में उस समय काफी राजनीति चल रही थी।' ऑलराउंडर ने खुलासा किया कि एक उम्रदराज व्यक्ति की सलाह के बाद उन्होंने दोबारा अपने फैसले पर विचार किया और क्रिकेट छोड़ने का फैसला त्याग दिया।
अफरीदी ने बुजुर्ग व्यक्ति की सलाह को याद करते हुए बताया, 'उन्होंने कहा कि आप अपने स्वंय के प्रदर्शन और सांसारिक मामलों के बारे में बहुत चिंतित हैं। अपनी कठिनाइयों की तुलना पैगंबर मुहम्मद से करें, और आपको एहसास होगा कि आपकी परेशानी कुछ भी नहीं।' ध्यान दिला दें कि अफरीदी ने 2009 के बाद क्रिकेट खेलना जारी रखा और आगे चलकर टीम का नेतृत्व भी किया।
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