ढाका: आईसीसी द्वारा बांग्लादेश के टेस्ट और टी-20 कप्तान शाकिब अल हसन पर 2 साल का प्रतिबंध लगाए जाने के बाद उन्हें देश में हर तरह से समर्थन मिल रहा है। शाकिब के प्रशंसकों का मानना है कि बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड के खिलाफ हालिया हड़ताल और बगावत का झंडा बुलंद करने की वजह से बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड उनके खिलाफ बदले की कार्रवाई कर रहा है। बोर्ड के इशारे पर ही आईसीसी ने शाकिब के खिलाफ प्रतिबंध लगाया है। ऐसे में शाकिब ने इन सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए अपने प्रशंसकों और समर्थकों को धैर्य रखने और शांत बनाए रखने का संदेश दिया है।
शाकिब ने अपने आधिकारिक फेसबुक अकाउंट पर बंगाली और अग्रेजी भाषा में संदेश लिखते हुए कहा, मैं अपने सभी शुभचिंतकों और प्रशंसकों से यह कहकर शुरुआत करना चाहूंगा कि करियर के सबसे मुश्किल वक्त में मेरा और मेरे परिवार का बगैर किसी शर्त आप सभी से मिले समर्थन और प्यार से मैं बेहद अभिभूत हूं और मैं खुद को इसके लिए सौभाग्यशाली मानता हूं। पिछले कुछ दिनों में मैंने इस बात का सबसे ज्यादा अहसास किया है कि देश का प्रतिनिधित्व करने के क्या मायने हैं।
शाकिब ने इस मामले में बीसीसी की कोई भूमिका नहीं है इस बारे में सफाई देते हुए कहा, 'सभी से मेरा अनुरोध है कि आप धैर्य और संयम बरतें। मेरे ऊपर जो प्रतिबंध लगाए गए हैं उसे लेकर आक्रामक रुख न अपनाएं। मैं पूरी तरह यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि आईसीसी द्वारा की गई जांच पूरी तरह गुप्त थी। बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड को भी मेरे बताए जाने के बाद इस बारे में प्रतिबंध लगाए जाने के कुछ दिनों पहले ही इस बारे में सूचना मिली। उसके बाद स्थिति को समझते हुए मेरा पूरी तरह सहयोग किया मैं इसके लिए उनका आभारी हूं।'
शाकिब ने प्रशंसकों को मैदान में 2020 में वापसी का संदेश देते हुए कहा, मैं यह समझ सकता हूं कि क्यों बहुत से लोग मेरे सामने मदद का प्रस्ताव रख रहे हैं और मैं इसके लिए उनकी सराहना करता हूं। हालांकि एक प्रक्रिया के तहत सबकुछ हुआ है और मैंने खुद पर लगे प्रतिबंध को स्वीकार कर लिया क्योंकि मुझे महसूस हुआ कि ऐसा होना ठीक है। अब मेरा पूरा ध्यान मैदान में वापसी करके बांग्लादेश के लिए साल 2020 में फिर से क्रिकेट खेलने पर है। तब तक आप अपनी दुआओं में और दिल में मुझे जगह दें। आप सभी का तहे दिल से शुक्रिया।
एक बुकी ने मैच फिक्सिंग के लिए शाकिब से संपर्क साधा था, लेकिन शाकिब ने इसकी जानकारी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC)की भ्रष्टाचार विरोधी इकाई को नहीं दी थी। इसलिए उनके खिलाफ जांच के बाद आईसीसी ने प्रतिबंध लगाने का फैसला किया और शाकिब ने खुद पर लगे आरोप को मानते हुए प्रतिबंध स्वीकार कर लिया।
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