मेलबर्न: भारत के युवा पीढ़ी के सबसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों में से एक माने जाने वाले पंजाब के 21 वर्षीय शुभमन गिल ने शनिवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया। शुक्रवार को ही कप्तान अजिंक्य रहाणे ने पृथ्वी शॉ की जगह उन्हें बतौर ओपनर टीम में शामिल किए जाने का ऐलान कर दिया था। ऐसे में शनिवार सुबह मैच से पहले टेस्ट कैप दिया जाना महज एक औपचारिकता रह गई थी। लेकिन ये एक ऐसा लम्हा था जिसका इंतजार दुनिया का हर एक क्रिकेट खिलाड़ी करता है। शुभमन गिल भारत के 297वें टेस्ट क्रिकेटर बने।
साल 2018 में अंडर 19 विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ शानदार शतक जड़कर धमाल मचाने वाले शुभमन गिल पर सभी की नजरें तभी से थीं, लेकिन उनकी टीम के कप्तान पृथ्वी शॉ को तेजी से मौके मिलते गए और शुभमन को अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा। लेकिन अब जब उन्हें टेस्ट टीम में मौका मिला है तब उन्होंने पृथ्वी शॉ की जगह ली है। ऐसे में उन्हें लगातार इस पोजीशन पर शॉ से चुनौती मिलती रहेगी।
टेस्ट डेब्यू से पहले भारत के लिए 3 वनडे मैच खेल चुके शुभमन गिल ने साल 2019 में न्यूजीलैंड के खिलाफ 31 जनवरी को हैमिल्टन में वनडे डेब्यू किया था। हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज के तीसरे मैच में भी खेलने का मौका मिला था जिसमें उन्होंने 33 रन बनाए थे। इसके बाद खेले गए अभ्यास मैचों में भी गिल ने अपनी शानदार बल्लेबाजी का नमूना पेश किया और पिंक बॉल से खेले गए अभ्यास मैच में 43 और 65 रन की पारियां खेली। पहले अभ्यास मैच में वो 0 और 29 रन बना सके थे। ऐसे में एडिलेड टेस्ट की दोनों पारियों में पृथ्वी शॉ के बुरी तरह नाकाम रहने के बाद गिल को मौका मिला है।
ऐसे बने क्रिकेटर, पिता की शर्त लाई रंग
पंजाब के फजिल्का में जन्में शुभमन गिल ने चार साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया था। बचपन में वो पिता के साथ क्रिकेट खेलते थे लेकिन जब वो बड़े हुए तो पिता ने उनके खेल को निखारने के लिए बढ़िया तरकीब ढूंढ निकाली। उन्होंने अपने खेत को ही मैदान बना लिया और आसपास के इलाके में ऐलान कर दिया कि जो कोई भी उनके बेटे को आउट करेगा उसे वो 100 रुपये का ईनाम देंगे। ऐसे में हर दिन शुभमन रोजाना घंटों बैटिंग का अभ्यास करते थे। रोजाना कई खिलाड़ी उन्हें आउट करने की आस में गेंदबाजी करने आते थे इस तरह उनका खेल दिन ब दिन निखरता गया।
शुभमन के लिए चंडीगढ़ शिफ्ट हुआ परिवार
इसके बाद गिल जलालाबाद आ गए और वहां उन्होंने पहली बार लेदर की बॉल से खेलना शुरू किया और एक छोटे से ट्रेनिंग स्कूल में दाखिला ले लिया। इसके बाद पिता ने उन्हें चंडीगढ़ भेज दिया और मोहाली क्रिकेट स्टेडियम के पीछे स्थित एक क्रिकेट अकादमी में उनका दाखिला करा दिया। गिल को खेलने के लिए ज्यादा समय मिल पाए इस वजह से उनका परिवार भी चंड़ीगढ़ किराए के मकान में शिफ्ट हो गया और इसके बाद गिल के करियर ने परवान चढ़ना शुरू किया।
करसन घावरी की पड़ी थी नजर
ऐसे में टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज करसन घावरी तेज गेंदबाज की तलाश में चंड़ीगढ़ आए थे और इस दौरान उनकी नजर शुभमन गिल पर पड़ी जिसने थोड़े ही समय में क्रिकेट जगत में तहलका मचा दिया।
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