नई दिल्ली: क्रिकेट की दुनिया के बेताज बादशाह कहे जाने वाले सर डॉन ब्रैडमैन ने अपने क्रिकेट करियर में ऐसे धमाके किए कि आज भी उनका नाम क्रिकेट के सबसे चमकते सितारों में शुमार है। अपने करियर के दौरान उन्होंने कुछ ऐसे रिकॉर्ड कायम किए जिन्हें शायद ही आने वाले कुछ सालों में भी कोई खिलाड़ी तोड़ पाए।
साल 1928 में ब्रिस्बेन में इंग्लैंड के खिलाफ करियर का आगाज करने वाले सर डॉन ब्रैडमैन ने कुल 52 टेस्ट मैच खेले। उन्होंने 80 पारियों में 99.94 की औसत से कुल 6996 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 29 शतक और 13 अर्धशतक जड़े। उनका सर्वाधिक स्कोर 334 रन रहा और 7 बार वो अपना खाता नहीं खोल पाए। अगर बैडमैन अपनी आखिरी टेस्ट पारी में 4 रन बना लेते तो उनका टेस्ट औसत 100 का हो जाता लेकिन वो खाता खोले बगैर पवेलियन लौट गए।
टेस्ट करियर में जड़े केवल 6 छक्के
बैडमैन ने अपने करियर में गेंदबाजों की जमकर धुनाई की। उनके जैसे धाकड़ बल्लेबाज को रोकने के लिए इंग्लैंड के गेंदबाजों ने बॉडीलाइन गेंदबाजी की शुरुआत की थी। ब्रैडमैन ने अपने करियर में कुल 672 चौके लगाए। लेकिन वो गेंदबाजों के छक्के नहीं छुड़ा सके। उन्होंने अपने करियर में कुल 6 छक्के जड़े। जिसमें से 5 इंग्लैंड के खिलाफ और 1 भारत के खिलाफ उनके बल्ले से निकले।
भारत के खिलाफ जड़ा आखिरी छक्का
बैडमैन ने अपने करियर में पहला छक्का 1933 में 31वीं टेस्ट पारी खेलते हुए जड़ा था। पहले छक्का जड़ने के लिए उन्हें पांच साल लंबा इंतजार करना पड़ा। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ एडिलेड टेस्ट में ये छक्का जड़ा था। इसके बाद साल 1934 में इंग्लैंड दौरे पर उन्होंने चार छक्के जड़े। एक पारी में सबसे ज्यादा 2 छक्के उन्होंने लीड्स टेस्ट में 304 रन की पारी के दौरान लगाए थे। इस सीरीज के बाद 14 साल तक बैडमैन के बल्ले से कोई छक्का नहीं निकला। उन्होंने 1948 में द्वितीय विश्व युद्ध के समाप्त होने के बाद भारत के खिलाफ एडिलेड टेस्ट में 201 रन की पारी खेलते हुए लगाया था। इसी साल बैडमैन ने इंग्लैंड में खेली गई एशेज सीरीज के बाद क्रिकेट को अलविदा कह दिया।
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