नई दिल्ली: आमतौर पर तूफानी से पहले की शांति होती है, लेकिन इस समय भारतीय क्रिकेट टीम में शुभमन गिल के विकल्प को लेकर हडकंप मचा हुआ है। जहां भारतीय टीम इंग्लैंड में गिल के विकल्प के रूप में पृथ्वी शॉ या देवदत्त पडिक्कल में से किसी को रिजर्व ओपनर के रूप में चाहती है, वहीं दोनों इस समय श्रीलंका में अभ्यास में जुटे हुए हैं। भारत और श्रीलंका के बीच 13 जुलाई से वनडे सीरीज शुरू होगी।
यह जानकारी मिली है कि इंग्लैंड से भारतीय टीम के मैनेजर ने आधिकारिक रूप से शुभमन गिल के विकल्प के रूप में दो खिलाड़ियों की मांग की है, वहीं बीसीसीआई चयनकर्ता समिति ने इस आग्रह को नहीं माना है। बीसीसीआई अधिकारी इस स्थिति पर गुस्सा हैं। उन्होंने सवाल खड़ा किया कि 24 सदस्यीय टीम का चयन कप्तान विराट कोहली के सामने किया गया था तब यह संदेह क्यों नहीं उठाए गए थे।
बीसीसीआई अधिकारी के हवाले से टाइम्स ऑफ इंडिया ने बताया, 'टीम प्रबंधन को अपनी दृष्टिकोण को लेकर स्पष्ट होना चाहिए था। जब भी टीम संयोजन की बात आती है तो चयनकर्ताओं ने हमेशा टीम प्रबंधन की मांग पर ध्यान दिया है। टीम का चयन कप्तान विराट कोहली की उपस्थिति में हुआ था। प्रबंधन को अपनी योजना पर स्पष्ट होना चाहिए था जब उन्हें पता चले कि किन खिलाड़ियों को चुनना है। राहुल को ओपनर के रूप में चुना गया था। अगर उन्होंने योजना बदली, तो इस स्पष्ट रूप से बताना चाहिए था।'
इंग्लैंड में टीम प्रबंधन की तरफ से खबर आई है कि पारी की शुरूआत के लिए मयंक अग्रवाल और रोहित शर्मा ही बचे हैं जबकि केएल राहुल को मिडिल ऑर्डर में आजमाने के बारे में विचार किया जा रहा है। बैक-अप ओपनिंग बल्लेबाज के रूप में चुने गए अभिमन्यु ईस्वरन को जेम्स एंडरसन, स्टुअर्ट ब्रॉड, जोफ्रा आर्चर और अन्य गेंदबाजों का सामना करने के लिए अपेक्षाकृत कमजोर माना जा रहा है। बीसीसीआई चयन समिति हालांकि, आशंकाओं में नहीं पड़ना चाहती है।
अधिकारी ने कहा, 'फरवरी-मार्च में इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज से ईस्वरन भारतीय टीम के साथ हैं। टीम प्रबंधन को स्पष्टता की जरूरत है कि वह ईस्वरन का उपयोग करने के लिए विश्वस्त क्यों नहीं हैं। तभी यह फैसला किया जाएगा कि विकल्प को भेजने की जरूरत है या नहीं।'
चयन समिति के मुताबिक भारत के पास ओपनिंग के लिए चार विकल्प- रोहित शर्मा, मयंक अग्रवाल, केएल राहुल और अभिमन्यु ईस्वरन हैं। संकट की स्थिति में हनुमा विहारी को ओपनर के रूप में आजमाया जा सकता है। तथ्य यह है कि इंग्लैंड के लंबे दौरे के लिए 23 खिलाड़ियों को भेजा गया था। अब बीसीसीआई भारतीय टीम की अधिक खिलाड़ियों की मांग से नाराज है।
अधिकारी ने कहा, 'इंग्लैंड में चार ओपनर्स उपलब्ध हैं और यह महामारी के कारण हुआ है। पहले की भारतीय टीमों के पास इस तरह की लक्जरी नहीं थी। उन्हें लंबे दौरे पर 15 खिलाड़ियों से काम चलाना पड़ता था। तब अपनी योजनाओं को लेकर टीम प्रबंधन और चयनकर्ता एक ही फैसले पर सहमत होते थे। प्रत्येक सीरीज के लिए 24 खिलाड़ियों के चयन ने चयनकर्ता समिति का काम आसान कर दिया है। अगर वह 24 चुने हुए खिलाड़ियों पर विश्वास नहीं करते तो इसे जल्द ही सुलझाने की जरूरत है।'
मौजूदा बात यह है कि पृथ्वी शॉ और देवदत्त पडिक्कल दोनों इस समय श्रीलंका में भारतीय टीम के साथ है। इंग्लैंड में भारतीय टीम को अपनी योजनाओं में बदलाव करना होगा ताकि मजबूत टीम बना सके।
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