बेंगलुरू: पदार्पण कर रहे सुवेद पारकर (252) के दोहरे शतक और सरफराज खान के साथ उनकी बड़ी दोहरी शतकीय साझेदारी से मुंबई ने रणजी ट्रॉफी क्वार्टर फाइनल के दूसरे दिन पहली पारी आठ विकेट पर 647 रन पर घोषित करने के बाद उत्तराखंड का स्कोर दो विकेट पर 39 रन करके अपना पलड़ा भारी रखा।
पारकर ने रन आउट होने से पहले 447 गेंद में 21 चौकों और चार छक्कों की मदद से 252 रन बनाए। उन्होंने सरफराज (153) के साथ चौथे विकेट के लिए 267 रन की साझेदारी करने के बाद शम्स मुलानी (59) के साथ भी छठे विकेट के लिए 106 रन जोड़े। पारकर के रन आउट होते ही मुंबई के कप्तान पृथ्वी शॉ ने पारी घोषित कर दी।
पारकर का यह स्कोर पदार्पण करते हुए प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पांचवां सबसे बड़ा स्कोर है। सबसे बड़े स्कोर का रिकॉर्ड भारत और बिहार के सकीबुल गनी के नाम है, जिन्होंने इसी साल फरवरी में मिजोरम के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मुकाबले में 341 रन बनाए थे। पारकर का यह स्कोर साथ ही पदार्पण करते हुए मुंबई के किसी बल्लेबाज का दूसरा सर्वश्रेष्ठ स्कोर है। पारकर अपने कोच अमोल मजूमदार के 1994 में हरियाणा के खिलाफ बनाए 260 रन के रिकॉर्ड से पीछे रहे।
उत्तराखंड ने इसके बाद दिन का खेल खत्म होने तक कप्तान जय बिस्टा (00) और मयंक मिश्रा (04) के विकेट गंवाकर 39 रन बनाए। बिस्टा को तुषार देशपांडे (13 रन पर एक विकेट) ने अपनी मैच की पहली गेंद पर विकेटकीपर आदित्य तारे के हाथों कैच कराया जबकि मिश्रा ने मोहित अवस्थी (12 रन पर एक विकेट) की गेंद पर देशपांडे को कैच थमाया।
दिन का खेल खत्म होने पर सलामी बल्लेबाज कमल सिंह 27 जबकि कुणाल चंदेला आठ रन बनाकर खेल रहे थे। उत्तराखंड की टीम अब भी पहली पारी के आधार पर 608 रन से पीछे है जबकि उसके आठ विकेट शेष हैं। मुंबई ने दिन की शुरुआत तीन विकेट पर 304 रन से की पारकर 104 जबकि सरफराज 69 रन से आगे खेलने उतरे। दोनों ने दिन के शुरुआती 30 ओवर में उत्तराखंड के गेंदबाजों को सफलता से महरूम रखा और इस दौरान टीम का स्कोर 450 रन के करीब पहुंचाया।
सरफराज ने 97वें ओवर में आकाश मधवाल पर दो चौके और एक छक्के के साथ 140 गेंद में शतक पूरा किया। उन्होंने अगले 53 रन सिर्फ 64 गेंद में जोड़े। मयंक मिश्रा ने सरफराज को बोल्ड करके इस साझेदारी को तोड़ा। अग्रिम तिवारी (01) ने अगले ओवर में तारे (01) को पवेलियन की राह दिखाई। पारकर और मुलानी ने इसके बाद शतकीय साझेदारी करके टीम को बड़े स्कोर की ओर पहुंचाया। पारकर ने स्वप्निल सिंह पर एक रन के साथ 375 गेंद में दोहरा शतक पूरा किया।
कमल सिंह ने मुलानी को बोल्ड करके इस साझेदारी को तोड़ा। स्वप्निल ने तनुष कोटियान (28) को आउट किया। पारकर ने दीपक धापोला की लगातार गेंदों पर छक्के और चौके के साथ 250 रन के स्कोर को पार किया, लेकिन इसके बाद रन आउट हो गए। उत्तराखंड की ओर से धापोला सबसे सफल गेंदबाज रहे, जिन्होंने 89 रन देकर तीन विकेट चटकाए।
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