IND vs NZ 1st Test: न्यूजीलैंड के खिलाफ 25 नवंबर से शुरू होने वाले पहले टेस्ट मैच में इस बात की काफी संभावना है कि भारतीय टीम प्रबंधन प्रतिभाशाली शुभमन गिल से मध्य क्रम में बल्लेबाजी करवाये। टीम प्रबंधन बड़े खिलाड़ियों की अनुपस्थिति में गिल की आक्रामक शैली को परखना चाहती है। पता चला है कि शुभमन से कहा गया है कि वह कानपुर में न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में मध्यक्रम में बल्लेबाजी करेंगे, जहां विराट कोहली की गैरमौजूदगी में अजिंक्य रहाणे टीम की अगुवाई करेंगे।
इस दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला के लिए रोहित शर्मा के नहीं होने से टीम प्रबंधन के लिए यह एक शानदार मौका है कि वह मध्य क्रम के बल्लेबाज के रूप में गिल के कौशल को परख सके। कोहली मुंबई टेस्ट जबकि रोहित दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए टीम में वापस आएंगे। शानदार लय में चल रहे लोकेश राहुल पारी का आगाज करेंगे जहां मयंक अग्रवाल उनके जोड़ीदार की भूमिका निभा सकते है।
कोहली के अलावा एक और की जरूरत
समझा जाता है कि चेतन शर्मा की अगुवाई वाली नयी चयन समिति और मौजूदा टीम प्रबंधन को लगता है कि उन्हें कोहली के अलावा मध्य क्रम में कम से कम एक खिलाड़ी की जरूरत है, जो अपने आक्रमण से विपक्षी खेमे को परेशान कर सके। उनका मानना है कि चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे और हनुमा विहारी की बल्लेबाजी की शैली लगभग एक जैसी है।
ऑस्ट्रेलिया में गिल को टेस्ट पदार्पण का मौका देने वाले पूर्व राष्ट्रीय चयनकर्ता जतिन परांजपे ने भी इसका समर्थन किया। परांजपे ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मैं हमेशा मानता हूं कि टीम चयन में एकरूपता से मदद नहीं मिलती है। मुझे वास्तव में लगता है कि शुभमन को मध्यक्रम के बल्लेबाज के रूप में खेलने से टीम को मदद मिलेगी। यह अतिरिक्त विकल्प देने में हमेशा मदद करेगा।’’
गिल को मध्यक्रम में लाने की एक और वजह
न्यूजीलैंड के खिलाफ ऋद्धिमान साहा टीम के मुख्य विकेटकीपर है , जो ऋषभ पंत से उलट रक्षात्मक बल्लेबाजी के लिए जाने जाते है। रोहित, कोहली और पंत के बिना बल्लेबाजी क्रम में आक्रामक बल्लेबाजों की आवश्यकता होगी और ऐसे में गिल उपयुक्त है। उनके पास लगभग सारे शॉट है। वह दूसरी नयी गेंद के खिलाफ भी वह अच्छा प्रदर्शन कर सकते है। परांजपे ने कहा, ‘‘ केएल राहुल ने मध्य क्रम में बल्लेबाजी की थी और अपने करियर की शुरुआत में कुछ सफलता हासिल की थी। शुभमन इसे दोहरा सकते हैं। युवा बल्लेबाज को टीम के जरूरत के हिसाब से अपनी भूमिका को बदलने में ज्यादा परेशानी नहीं होती है।’’
पुजारा और रहाणे पर भी बनेगा दबाव
गिल अगर मध्यक्रम में सफल रहते है तो कोहली और रोहित की वापसी के बाद इससे पुजारा और रहाणे पर भी अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव रहेगा।
चयनकर्ताओं ने श्रेयस अय्यर को मध्यक्रम के विशेषज्ञ बल्लेबाज के रूप में शामिल किया है, लेकिन मुंबई के इस खिलाड़ी को टेस्ट पदार्पण के लिए इंतजार करना पड़ सकता है। परांजपे को लगता है आने वाले समय में उनके लिए मौका होगा। उन्होंने कहा, ‘‘देखिए देर-सबेर, चेतेश्वर और अज्जू (रहाणे) नहीं खेलेंगे। इसलिए, विहारी, शुभमन और श्रेयस के बीच मध्यक्रम के स्थानों के लिए कड़ा मुकाबला होगा।’’
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