Sachin Tendulker : दुनिया के सबसे महान बल्लेबाजों में शुमार मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के नाम ढेरों रिकॉर्ड दर्ज हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सचिन ने कब और कैसे पहली बार बल्ला हाथ में लिया। दरअसल, बेहद गंभीर दिखने वाले सचिन बचपन में बहुत शरारती थे और हमेशा अपने दोस्तों के साथ पूरे मोहल्ले में धूम-धड़ाका किया करते थे।
जब पेड़ से आम तोड़ना महंगा साबित हुआ
यह उस समय की बात है जब सचिन की उम्र करीब 9-10 साल थी और वह मुंबई के बांद्रा ईस्ट में रहते थे। सचिन ने एक इंटरव्यू में बताया, मेरे दो दोस्त सुनील और अविनाश थे। हम तीनों मिलकर काफी शरारतें किया करते थे। एक दिन शाम को दूरदर्शन पर देवानंद की फिल्म गाइड आने वाली थी। मैं जानता था कि कॉलोनी के सभी लोग फिल्म देखने में व्यस्त होंगे तो क्यों ना इस मौके का फायदा उठाया जाए। शाम को जब सभी फिल्म देख रहे थे, तब हम पड़ोस में लगे आम के एक पेड़ पर चढ़ गए। सुनील का वजन ज्यादा था और वह मेरे साथ एक ही टहनी पर बैठा था। फिर क्या था, हमारे वजन से टहनी टूट गई और हम दोनों धड़ाम से नीचे गिरे। इस शोर को सुनकर लोग एकत्र हो गए और हम पकड़े गए। मेरी इस हरकत से मेरा बड़ा भाई काफी नाराज हुआ।
परिवार ने किया फैसला, मैं क्रिकेट खेलूंगा
सचिन ने कहा, इस हरकत के बाद मेरे परिवार ने फैसला किया कि मैं क्रिकेट खेलना शुरू करूं, जिसकी वजह से मेरी शरारतें कम होंगी और मेरी शिकायते नहीं आएंगी। इसके बाद मेरा भाई मुझे शिवाजी पार्क में आचरेकर सर के पास ले गए औऱ यहां से मेरे क्रिकेट सफर की शुरुआत हुई।
धीरे-धीरे बढ़ता गया क्रिकेट से लगाव
सचिन ने कहा कि शुरुआत के कुछ महीने में खेल के प्रति गंभीर नहीं था। लेकिन धीरे-धीरे क्रिकेट में मेरी रुचि बढ़ती चली गई। मेरी बैटिंग में भी थोड़ा सुधार हुआ तो आचरेकर सर ने मुझपर ज्यादा ध्यान देना शुरू कर दिया।...और फिर क्या था यह नन्हा सा लड़का कुछ ही सालों में क्रिकेट की दुनिया पर राज करने लगा। सचिन ने हमेशा कहा है कि उनके क्रिकेट करियर में आचरेकर सर और उनके बड़े भाई अजीत की बेहद अहम भूमिका रही है।
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