कराची: पाकिस्तान के बल्लेबाज उमर अकमल ने दावा किया है कि उन्होंने स्पॉट फिक्सिंग के लिए संपर्क किए जाने की जानकारी पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) को इसलिए नहीं दी थी क्योंकि उन्होंने सोचा कि यह सूचना गोपनीय नहीं रहेगी। भ्रष्ट संपर्क की जानकारी नहीं देने के लिए उमर को पिछले साल प्रतिबंध का सामना करना पड़ा था।
42 लाख 50 हजार का जुर्माना लगाया गया
खेल पंचाट (कैस) ने भ्रष्टाचार रोधी संहिता के उल्लंघन के लिए शुक्रवार को उमर का प्रतिबंध घटाकर 12 महीने का कर दिया और उन पर 42 लाख 50 हजार पाकिस्तानी रुपये का जुर्माना भी लगाया जिसके बाद वह अपना क्रिकेट करियर बहाल करने के पात्र हैं। पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) में स्पॉट फिक्सिंग के लिए संपर्क किए जाने की जानकारी नहीं देने के लिए पिछले साल 20 फरवरी को उमर को सभी तरह की क्रिकेट गतिविधियों से तीन साल के लिए प्रतिबंधित किया गया था।
पीसीबी अध्यक्ष से मिलने गए थे उमर अकमल
उमर ने लाहौर में संवाददाताओं से कहा, 'मैंने पीसीबी की भ्रष्टाचार रोधी इकाई को इस मामले की जानकारी नहीं देने का फैसला किया क्योंकि मैं चिंतित था कि यह सूचना लीक हो जाएगी और गोपनीय नहीं रहेगी।' उमर ने दावा किया कि वह स्पॉट फिक्सिंग के इरादे से संपर्क की जानकारी देने के लिए पीसीबी अध्यक्ष से मिलने गए थे लेकिन उनसे मिल नहीं पाए।
उन्होंने कहा, 'मेरा इस मामले की जानकारी देने का पूरा इरादा था। मैं बोर्ड अध्यक्ष से मिलकर उन्हें यह बताने गया था कि पाकिस्तान सुपर लीग में स्पॉट फिक्सिंग के लिए मेरे से संपर्क किया गया। दुर्भाग्य से मैं उनसे नहीं मिल पाया क्योंकि वह व्यस्त थे।'
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