खिलाड़ियों की तरह अंपायर नितिन मेनन ने भी आगे आकर दिया बयान, बताई दिक्कतें और सफलताएं

क्रिकेट
भाषा
Updated Apr 02, 2021 | 21:27 IST

Umpire Nitin Menon interview: भारतीय अंपायर नितिन मेनन पिछले काफी समय से चर्चा में रहे हैं। उन्होंने अपनी समस्याओं, दिक्कतों और सफलताओं के बारे में बताया है।

Virat Kohli and Nitin Menon
विराट कोहली और नितिन मेनन (video grab)  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • अंपायर नितिन मेनन ने कही अपनी दिल की बात
  • भारतीय अंपायर मेनन आईसीसी एलीट पेनल में शामिल हैं
  • घर में समय ना बिता पाने का दर्द भी बयां किया

नई दिल्लीः अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की अंपायरों की ‘एलीट पैनल’ में शामिल होने के बाद पहली श्रृंखला में शानदार अंपायरिंग करने वाले नितिन मेनन ने कहा कि दबाव में उनका प्रदर्शन और सुधर जाता है तथा वह इस बेहतरीन समय (लय) को जारी रखना चाहेंगे। इस 37 साल के अंपायर को पिछले साल जून में कोविड-19 महामारी के दौरान आईसीसी की एलीट पैनल के अंपायरों में शामिल किया गया था लेकिन उन्हें पहली बार मैदान पर उतरने का मौका फरवरी में मिला।

महामारी के कारण आईसीसी को द्विपक्षीय श्रृंखला में स्थानीय अंपायरों को नियुक्त करने के लिए मजबूर होना पड़ा। मेनन ने भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गये चार टेस्ट मैच, पांच टी20 मुकाबले और तीन वने मैचों में अंपायर की भूमिका निभाई। श्रृंखला के दौरान सही फैसले के लिए उनकी काफी तारीफ हुई। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) से पहले चेन्नई में पृथकवास कर रहे मेनन ने पीटीआई-भाषा से बातचीत पिछले दो महीने की चुनौतीपूर्ण समय को दिलचस्पी के साथ याद किया।

पिछले दो महीने बहुत अच्छे रहे

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले दो महीने बहुत अच्छे रहे हैं। यह शानदार संतुष्टि देता है जब लोग आपके अच्छे काम को देखते हैं और उसकी सराहना करते हैं। इसमें अंपायरिंग करना चुनौतीपूर्ण था क्योंकि विश्व कप चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाने के लिए दोनों टीमें संघर्ष कर रही थी और विदेशों में प्रभावशाली जीत के साथ यहां पहुंची थी। ऐसी पिचों भी काफी चुनौतीपूर्ण थी।’’

मुझे खुशी है हमने अच्छी अंपायरिंग की

एस वेंकटराघवन और एस रवि के बाद आईसीसी एलीट पैनल में जगह बनाने वाले तीसरे भारतीय बनें मेनन ने कहा, ‘‘ यह श्रृंखला दुनिया की दो शीर्ष रैंकिंग वाली टीमों के बीच था। इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए, मुझे खुशी है कि हमने अंपायरिंग टीम के रूप में अच्छा प्रदर्शन किया।’’ सीमित ओवरों की श्रृंखला में मेनन के फैसले के खिलाफ 40 बार रेफरल (तीसरी अंपायर की मदद मांगी गयी) का इस्तेमाल किया गया लेकिन सिर्फ पांच बार उनके फैसले को बदला गया।

लगातार बड़े मैचों में अंपायरिग करने वाले मेनन ने कहा कि यह मानसिक मजबूती के बारे में है। उन्होंने कहा, ‘‘ भारत में आयोजित घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंटों के कारण मेरे लिए लगातार मैचों में भाग लेना कोई नयी बात नहीं है। हम रणजी ट्रॉफी (चार दिवसीय प्रथम श्रेणी मुकाबले) में औसतन आठ मैचों में अंपायरिंग करते है। इसमें एक स्थान से दूसरे स्थान के बीच यात्रा भी होती है। मेरा मानना है कि अंपायरिंग मानसिक मजबूती के बारे में है। जब दबाव ज्यादा होगा तो ध्यान भी ज्यादा देना होगा।’’

घर में सिर्फ दो दिन बिताने का मौका मिला

लगातार दो महीने तक अंपायरिंग करने के बाद मेनन को घर में सिर्फ दो दिन बिताने का मौका मिला। आईपीएल के लिए उन्होंने एक और जैव-सुरक्षित (बायो-बबल) माहौल में आना पड़ा। उन्होंने कहा कि बायो बबल में रहना काफी चुनौतीपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘‘यह काफी चुनौतीपूर्ण है। जिस दिन मैच नहीं होता है , उस दिन स्थिति और मुश्किल होती है क्योंकि हम होटल से बाहर नहीं जा सकते। बबल में हम परिवार की तरह रहते है और एक दूसरे का ख्याल रखते है।’’

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