सिडनी: पाकिस्तानी मूल के ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर उस्मान ख्वाजा ने कोच जस्टिन लैंगर का समर्थन करते हुए कहा है कि खिलाड़ियों को भी देश के निराशाजनक प्रदर्शन के लिए पूरा दोष लैंगर पर डालने की बजाय खुद इस जिम्मेदारी लेने की जरूरत है। 44 टेस्ट खेलने वाले ख्वाजा ने कहा, 'हर हार के लिए कोच जिम्मेदार नहीं होता है। अगर खिलाड़ी अपना 100 फीसदी नहीं दे रहे हैं तो कोच क्या कर सकता है। ऐसे में खिलाड़ियों को किसी न किसी स्तर पर खराब खेल की जिम्मेदारी लेने की जरूरत है।'
18 अगस्त को आपातकालीन बैठक हुई
कोच लैंगर और क्रिकेटरों के बीच तनाव बढ़ गया और इसी कारण क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) को फौरी तौर पर 18 अगस्त को एक आपातकालीन जूम बैठक आयोजित करने का फैसला करना पड़ा। इस बैठक में सीए के सीईओ हॉकले, टेस्ट कप्तान टिम पेन, सीमित ओवरों के कप्तान आरोन फिंच और उपकप्तान पैट कमिंस मौजूद थे। हॉकले ने उसी दिन लैंगर का समर्थन करते हुए एक बयान जारी किया।
'हमें लैंगर के विचारों को जानना होगा'
हॉकले ने कहा, 'इसमें कोई संदेह नहीं है कि सप्ताह उनके (लैंगर) के लिए मुश्किल रहा है, लेकिन जैसा कि मैंने पिछले कुछ दिनों में कहा था। इस बात पर चर्चा करने के लिए कि हम इस क्रिकेट टीम को कहां ले जाना चाहते हैं, हमें लैंगर के विचारों को जानना होगा। हम उनसे क्या उम्मीद करते हैं और वह हमसे क्या उम्मीद करते हैं। टी20 विश्व कप और एशेज शायद दो सबसे बड़ी चीजें हैं जिनका कोई भी ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट और कोई भी ऑस्ट्रेलियाई कोच हिस्सा बनना चाहता है और हम सभी एक ही पृष्ठ पर हैं।'
'टीम के लोग उनकी पीठ में छुरा घोंप रहे'
ख्वाजा ने कहा कि लैंगर टीम का मार्गदर्शन करने में काफी असहज महसूस कर रहे होंगे। ख्वाजा ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, 'आपको क्या लगता है कि जेएल (जस्टिन लैंगर) को कैसा लगता है? उन्हें शायद ऐसा लगता है कि टीम के लोग उनकी पीठ में छुरा घोंप रहे हैं और यह ऐसा दिखता है और इसलिए यह बहुत निराशाजनक है। यह वास्तव में एक बहुत ही खराब स्थिति है। यह कुछ ऐसा है जिसे जल्द हल करने की आवश्यकता है।'
'कोच लैंगर एक बहुत ही भावुक व्यक्ति हैं'
ख्वाजा ने आगे कहा, 'वह (लैंगर) एक बहुत ही भावुक व्यक्ति हैं। ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट से प्यार करते हैं। सभी के लिए सर्वश्रेष्ठ चाहते हैं। केवल सफल होना चाहते हैं। वह जीत से प्रेरित हैं।' क्रिकेटर ने स्वीकार किया कि लैंगर जब काम की नैतिकता की बात करते हैं तो भावुक हो जाते हैं। बकौल ख्वाजा, 'एक चीज जो सामने आती रहती है वह है उनकी भावनाएं। वह बहुत भावुक हो सकते हैं। यह शायद उसका एक नकारात्मक पक्ष है; उनकी सबसे बड़ी कमजोरी उसकी भावना है। वह जानते है कि उन्हें सुधार करने की जरूरत है। यह बात उसने मीडिया में कही है। मैंने भी उनसे बातचीत की है।'
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