पिता ने खोला राज, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की हार के बाद बचपन में आ गया था इस खिलाड़ी को बुखार

क्रिकेट
भाषा
Updated Nov 10, 2021 | 16:02 IST

न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन मैचों की टी20 सीरीज के लिए भारतीय टीम में शामिल किए गए युवा ऑलराउंडर वेंकटेश अय्यर के पिता ने उनके क्रिकेट से लगाव को लेकर बचपन का एक किस्सा साझा किया है।

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वेंकटेश अय्यर  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • वेंकटेश अय्यर के पिता ने उनके क्रिकेट से लगाव को लेकर एक किस्सा साझा किया है
  • बचपन में भारत की ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार के बाद वेंकटेश को आ गया था बुखार
  • सौरव गांगुली को देखकर बांए हाथ से बल्लेबाजी करते हैं वेंकटेश अय्यर, दादा है उनके आदर्श

इंदौर: आईपीएल में चमकने के बाद भारतीय टी20 टीम में शामिल किए गए हरफनमौला खिलाड़ी वेंकटेश अय्यर बचपन से पूर्व क्रिकेटर सौरव गांगुली की बल्लेबाजी के मुरीद रहे हैं और जब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक मैच में गांगुली के ज्यादा रन नहीं बना पाने से भारत को हार का मुंह देखना पड़ा था, तो गहरी मायूसी के बाद नन्हें वेंकटेश को बुखार आ गया था।

बचपन से हैं गांगुली का प्रशंसक
भारतीय क्रिकेट के प्रति अपने 26 साल के बेटे के जुनून को याद करते हुए उनके पिता राजशेखरन अय्यर ने बुधवार को 'पीटीआई-भाषा' से यह संस्मरण साझा किया। वेंकटेश को न्यूजीलैंड के खिलाफ होने वाली तीन मैचों की श्रृंखला के लिए भारतीय टी20 टीम में शामिल किया गया है। राजशेखरन ने बताया, 'मेरे बेटे को छह-सात साल की उम्र से ही क्रिकेट से गहरा लगाव हो गया था। वह बचपन से गांगुली का बड़ा प्रशंसक रहा है। गांगुली से प्रेरित होकर उसने उन्हीं की तरह बाएं हाथ से बल्लेबाजी शुरू की।'

भारत की ऑस्ट्रेलिया से हार का बाद आ गया था बुखार
वह याद करते हैं, 'वेंकटेश बचपन में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मैच देख रहा था जिसमें भारत की हार हुई थी और उसके पसंदीदा बल्लेबाज गांगुली भी ज्यादा रन नहीं बना सके थे। इससे वेंकटेश बहुत दुखी हुआ था और उसे बुखार भी आ गया था। तब मुझे महसूस हुआ कि मेरा बेटा भारतीय क्रिकेट को लेकर बहुत गंभीर है।'

दिनेश शर्मा और चंद्रकांत पंडित की देखरेख में निखरा खेल
राजशेखरन ने बताया कि क्रिकेट के प्रति इस दीवानगी को देखने के बाद उन्होंने अपने बेटे को प्रशिक्षण के लिए अच्छे क्लबों में भेजा और बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा, 'सौभाग्य से वेंकटेश को अच्छे प्रशिक्षक मिले। पहले इंदौर के महाराजा यशवंतराव क्रिकेट क्लब (एमवायसीसी) के कोच दिनेश शर्मा और बाद में मध्यप्रदेश क्रिकेट संघ के मुख्य कोच चंद्रकांत पंडित ने मेरे बेटे के कौशल को उभारा।

बेटे ने पढ़ाई से कभी नहीं किया समझौता
वेंकटेश के पिता बताते हैं कि क्रिकेट के जुनून के बावजूद उनके बेटे ने अपनी पढ़ाई से कभी समझौता नहीं किया। उन्होंने बताया, 'मेरे बेटे ने वाणिज्य विषय से स्नातक की उपाधि हासिल की है। वह आगे चार्टर्ड अकाउंटेंट की पढ़ाई करना चाहता था। लेकिन क्रिकेट की व्यस्तताओं के चलते ऐसा नहीं कर सका। हालांकि, अपनी मां के मार्गदर्शन के मुताबिक उसने वित्त विषय में एमबीए की उपाधि हासिल की।'

इंदौर में है जश्न का माहौल
गौरतलब है कि वेंकटेश अय्यर के साथ ही इंदौर के तेज गेंदबाज आवेश खान (24) ने भी न्यूजीलैंड के खिलाफ होने वाली तीन मैचों की श्रृंखला के लिए भारतीय टी20 टीम में जगह बनाई है। दोनों युवा खिलाड़ियों के इस चयन से स्थानीय क्रिकेट जगत में जश्न का माहौल है। 

बीसीसीआई के पूर्व सचिव संजय जगदाले ने अय्यर और खान को भारतीय टीम में चुने जाने पर बधाई देते हुए कहा कि दोनों उभरते सितारों को क्रिकेट के आकाश में चमकने का सुनहरा मौका मिला है। उन्होंने कहा, 'टी20 विश्व कप में भारत का सफर समाप्त होने के बाद देश की टीम में स्वाभाविक प्रक्रिया के तहत नये चेहरों को मौका दिया गया है। ऐसे में अय्यर और खान को इस मौके को अच्छी तरह भुनाने की कोशिश करनी चाहिए।'

मध्यप्रदेश से ताल्लुक रखने वाले पूर्व क्रिकेटर अमय खुरासिया ने भी न्यूजीलैंड के खिलाफ होने वाली तीन मैचों की श्रृंखला के लिए भारतीय टी20 टीम में शामिल किए जाने पर अय्यर और खान को बधाई दी है।

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