तिरुवनंतपुरम: भारतीय टीम को रविवार को तिरुवनंतपुरम में खेले गए दूसरे टी20 इंटरनेशनल मैच में वेस्टइंडीज के हाथों 8 विकेट की करारी शिकस्त झेलनी पड़ी। इसी के साथ वेस्टइंडीज ने तीन मैचों की सीरीज में 1-1 की बराबरी की। सीरीज का तीसरा व निर्णायक मुकाबला 11 दिसंबर को मुंबई में खेला जाएगा। दूसरे टी20 में एक बार फिर दर्शकों के निशाने पर रहे युवा विकेटकीपर रिषभ पंत। पंत ने भुवनेश्वर कुमार की गेंद पर एविन लुईस का कैच टपकाया, जिसके बाद वह दर्शकों की हूटिंग के शिकार बने।
तभी देखने में आया कि भारतीय कप्तान विराट कोहली दर्शकों की हूटिंग से खुश नहीं थे और उन्होंने पंत की हूटिंग करने से दर्शकों को रोका। दरअसल, जब रिषभ पंत ने कैच टपकाया तो तिरुवनंतपुरम के स्टेडियम में मौजूद दर्शकों ने संजू...संजू के नारे लगाना शुरू कर दिए। सैमसन स्थानीय हीरो हैं और उन्हें लगातार टीम में शामिल करने की बात की जा रही है। हालांकि, सैमसन को अब तक प्लेइंग इलेवन में मौका नहीं मिला है और यह देखना होगा कि आखिर उन्हें कब मौका मिलेगा।
बहरहाल, रिषभ पंत की हूटिंग से कप्तान कोहली खुश नहीं दिखे। जब पंत ने कैच टपकाया तो खुद कप्तान कोहली भी नाखुश नजर आए और युवा विकेटकीपर को खरी-खरी सुनाते दिखे। कप्तान कोहली इस बात से खुश नहीं थे कि पंत ने कैच टपकाया। कोहली को उम्मीद थी कि पंत के लिए यह कैच नियमित था और वह इसे पकड़ सकते थे। मगर जब दर्शकों ने पंत के कैच टपकाने के बाद संजू...संजू... के नारे लगाना शुरू किए, तो इससे कोहली ने दर्शकों को ऐसा नहीं करने को कहा।
कप्तान कोहली ने नहीं मानी गांगुली की बात
बता दें कि विराट कोहली ने कुछ समय पहले रिषभ पंत के बचाव में बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि दर्शकों को पंत की हूटिंग करते हुए एमएस धोनी से तुलना नहीं करनी चाहिए। कप्तान ने कहा था, 'हमे जाहिर तौर पर रिषभ की काबिलियत पर भरोसा है। अगर वो (रिषभ पंत) कोई मौका छोड़ता है या कोई चूक होती है, तो ऐसे में लोग स्टेडियम में ये नहीं चिल्ला सकते है कि एमएस मैदान में मौजूद हैं। अगर सही तरह से कहूं तो ये अपमानित करने जैसा है। कोई भी खिलाड़ी ऐसा होता देखना नहीं चाहेगा।'
कोहली के इस बयान पर बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा कि अगर वह कोहली की जगह होते तो पंत को आलोचनाएं सुनने देते। गांगुली ने कहा था, 'अगर मैं विराट कोहली होता तो मैं उसे (रिषभ पंत) को इस स्थिति से गुजरने देता और इसके बीच में उसे सफलता खोजने को कहता। सबको ये समझना जरूरी है कि आपको एमएस धोनी जैसे खिलाड़ी रोज नहीं मिलते। वो एक दौर में पाया जाने वाला एक अनोखा खिलाड़ी है।'
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने सौरव गांगुली की बात नहीं मानते हुए पंत के बचाव में दर्शकों को खरी-खरी सुनाई। वैसे, सौरव गांगुली ने कहा था कि पंत और धोनी के बीच तुलना सही नहीं हैं। उन्होंने कहा था, 'जब एमएस धोनी ने करियर शुरु किया था तब वो भी एमएस धोनी नहीं थे। उसको एमएस धोनी बनने में 15 साल लगे। रिषभ पंत को भी अगर आज वाले एमएस धोनी के करीब भी आना है तो उनको तकरीबन 15 साल लगेंगे ही।'
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