मैच के बाद Soft Signal को लेकर विराट कोहली ने निकाल दी सारी भड़ास, बताया क्या है इसका हल

Virat Kohli speaks on third umpire and soft signal controversy: भारतीय कप्तान विराट कोहली ने गुरुवार को चौथे टी20 मैच में इंग्लैंड के खिलाफ जीत के बाद थर्ड अंपायर के फैसलों और सॉफ्ट सिगनल पर भड़के।

Virat Kohli post match interview
मैच के बाद विराट कोहली ने सॉफ्ट सिगनल विवाद पर बयान दिया (BCCI)  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • भारत और इंग्लैंड के बीच चौथा टी20 मेजबान टीम के पक्ष में रहा, सीरीज 2-2 से बराबर
  • मैच में सॉफ्ट सिगनल का नियम बना विवाद
  • भारतीय कप्तान विराट कोहली ने मैच के बाद निकाली भड़ास, सॉफ्ट सिगनल का हल भी बताया

नई दिल्लीः टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली को काफी समय के बाद डगआउट में खिलाड़ियों के साथ बैठते समय भड़कते हुए देखा। उनके भड़कने की वजह थी थर्ड अंपायर का वो फैसला जिसने सूर्यकुमार यादव को पवेलियन का रास्ता दिखा दिया था। टीवी रीप्ले में कोई ठोस सबूत ना मिलने की बात कहकर थर्ड अंपायर ने मैदानी अंपायर के 'सॉफ्ट सिगनल' जो कि आउट था, उसके साथ जाने का फैसला लिया। विराट मैदान पर तो भड़के ही, मैच के बाद जब उनसे बातचीत की गई तब उन्होंने जमकर इस मुद्दे पर अपनी भड़ास निकाली।

जब सूर्यकुमार यादव 57 रन बनाकर शानदार बल्लेबाजी कर रहे थे, तब सैम कुरेन के ओवर में फाइन लेग दिशा में डेविड मलान ने एक कैच लपका। मैदानी अंपायर ने आउट दिया। लेकिन असमंजस की स्थिति को देखते हुए थर्ड अंपायर को रेफर किया गया। थर्ड अंपायर को जब रीप्ले दिखाए गए तो उसमें साफ दिखा कि गेंद घास से छू गई थी लेकिन फिर भी तीसरे अंपायर वीरेंद्र शर्मा ने मैदानी अंपायर के फैसले को बरकरार रखने का निर्णय सुना दिया।

विराट कोहली का बयान

भारत ने मैच 8 रन से जीता और जब मैच के बाद इसको लेकर कप्तान विराट कोहली से सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कड़ी प्रतिक्रिया दी। विराट ने कहा, "टेस्ट सीरीज में एक पल आया था जब जिंक्स (अजिंक्य रहाणे) ने एक कैच लपका लेकिन वो इसको लेकर आश्वस्त नहीं थे। जब कोशिश आधी से भी आधी हो तब सॉफ्ट सिगनल अहम हो जाता है। मुझे समझ नहीं आता कि अंपायरों के लिए भी 'मुझे नहीं मालूम' जैसा कॉल नहीं हो सकता। आपको गेम सही तरीके से चलने के लिए इन चीजों को ठीक करना होगा। लेकिन हमको मैदान पर स्पष्टता चाहिए।"

गौरतलब है कि विराट कोहली पहले भी इस बात को कई बार कह चुके हैं आईसीसी को कुछ नियमों में फेरबदल करने चाहिए ताकि मैदान पर ऐसी स्थितियां पैदा ना हो। उनका कहना सही है कि ऐसे छोटे-छोटे फैसले कई बार टीम पर बहुत भारी पड़ सकते हैं और यही निर्णय बाद में निर्णायक साबित हो सकते हैं।

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