कराची: टीम इंडिया के पूर्व विस्फोटक ओपनर वीरेंद्र सहवाग ऐसे बल्लेबाज थे, जिनके सामने गेंदबाज घबराते थे। इसका कारण बड़ा आसान था कि वीरू बेहद आक्रामक अंदाज में बल्लेबाजी किया करते थे। सहवाग जब ओपनिंग करते थे तो उनका स्ट्राइक रेट करीब 83 का था। आधुनिक क्रिकेट में भी किसी बल्लेबाज या ओपनर का स्ट्राइक रेट सहवाग जैसा नहीं है। कई क्रिकेटर्स और विशेषज्ञों का मानना है कि सहवाग टेस्ट में ओपनिंग करके क्रांति लेकर आए। मगर पाकिस्तान के पूर्व महान तेज गेंदबाज वसीम अकरम के विचार इससे बिलकुल अलग हैं।
एक चैट शो में पूर्व पाकिस्तानी कप्तान वसीम अकरम ने खुलासा किया कि वह शाहिद अफरीदी थे, जिन्होंने टेस्ट में ओपनिंग का रवैया बदला। अकरम के मुताबिक सहवाग से पहले शाहिद अफरीदी ने वह तरीका बदला था कि टेस्ट में किस तरह ओपनिंग करना है। दिल्ली के बल्लेबाज ने 2002 में टेस्ट में ओपनिंग की थी जबकि आफरीदी ने 1998 में पहली बार टेस्ट में ओपनिंग की थी।
सहवाग बाद में आए
वसीम अकरम ने कहा, 'टेस्ट क्रिकेट में सहवाग बाद में आए। मगर 1999-2000 में शाहिद अफरीदी ने टेस्ट क्रिकेट में ओपनिंग की मानसिकता बदली थी। अगर मैं उस समय गेंदबाजी करता, तो पता होता कि उसे आउट कर सकता हूं, लेकिन साथ ही यह भी ध्यान रखता कि वह मुझे चौके जमा सकता है। वह खराब गेंदों पर छक्के जमाने से चूकता नहीं था।' 1999 में पाकिस्तान ने भारत का दौरा किया था। शाहिद अफरीदी ने इस दौरान ऐसी पारी खेली, जिसे वह अपने टेस्ट करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी मानते हैं।
चेन्नई में अफरीदी ने दूसरी पारी में 191 गेंदों में 141 रन की पारी खेली थी। पाकिस्तान की पारी का स्कोर 286 रन था यानी अफरीदी ने आधे रन बनाए थे। पाकिस्तान ने यह ऐतिहासिक टेस्ट मैच 12 रन के अंतर से जीता था। अकरम ने इस टेस्ट को याद करते हुए कहा, 'चेन्नई की पिच पर वह क्या पारी थी। अफरीदी पिच पर नांचते हुए शॉट जमा रहे थे। कुंबले और जोशी की गेंदों पर छक्के उड़ाए।'
अफरीदी को नहीं चुना जा रहा था
वसीम अकरम उस समय पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान थे। उन्होंने याद किया कि चयनकर्ता दौरे से पहले अफरीदी को नहीं चुन रहे थे। हालांकि, अकरम ने पूर्व कप्तान इमरान खान से बात की। इमरान खान ने कहा कि अफरीदी को साथ लेकर जाओ। अकरम ने कहा, 'मैंने दौरे पर चयन से पहले इमरान खान को फोन किया। मैंने उन्हें कहा, 'कप्तान मैं शाहिद अफरीदी को दौरे पर ले जाना चाहता हूं, लेकिन कुछ चयनकर्ता इस फैसले के खिलाफ हैं।' उन्होंने कहा- 'तुम उसे लेकर जाओ। वह एक या दो टेस्ट जिताकर देगा। उससे ओपनिंग कराना।' मैं इमरान भाई से कई बातें साझा करता था। दौरे से पहले, दौरे के बीच में, उनकी सलाह हमेशा मेरे काम आती थी।'
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