नई दिल्लीः भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज वीरेंद्र सहवाग ने जिस दौर में क्रिकेट खेला, उन दिनों फैंस ने भारतीय टीम का एक शानदार सफर देखा। जब टीम में एक से एक महारथी मौजूद थे और विरोधी टीम के दिग्गज भारत के खिलाफ खेलने से पहले दो बार उन खिलाड़ियों के बारे में सोचते थे। अब अपने बेबाक बयानों के लिए मशहूर वीरेंद्र सहवाग ने उसी दौर के कुछ खिलाड़ियों के बारे में बताया है जो उनके मुताबिक ज्यादा फिट नहीं थे। वीरू के मुताबिक अगर उनके जमाने में यो-यो फिटनेस टेस्ट (Yo-Yo Test) होता तो वे दो खिलाड़ी कभी पास नहीं कर पाते।
पिछले कुछ सालों में बीसीसीआई ने यो-यो फिटनेस टेस्ट को अनिवार्य कर दिया है। अगर आपको टीम में जगह चाहिए, तो फिर आप जितने भी बड़े दिग्गज हों, आपको ये कठिन परीक्षा को पास करना ही होगा। हाल ही में कुछ युवा खिलाड़ी जिनको देश से पहली बार खेलने का मौका मिला था, वे भारत-इंग्लैंड सीरीज से ठीक पहले यो-यो टेस्ट में फेल हो गए। इनमें से राहुल तेवतिया ने तो दूसरे मौके में टेस्ट पास कर लिया लेकिन वरुण चक्रवर्ती सफल नहीं हुए।
वीरू यो-यो टेस्ट के अनिवार्य होने से खुश नहीं
टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज ओपनर वीरेंद्र सहवाग यो-यो टेस्ट के अनिवार्य होने से खुश नहीं हैं। उनके मुताबिक स्किल्स को ज्यादा महत्व देना चाहिए जब आप भारतीय क्रिकेट टीम में चयन की बात कर रहे हों। जहां भारतीय कप्तान विराट कोहली ने कई बार फिटनेस टेस्ट को बहुत महत्वपूर्ण बताया है, वहीं वीरू का मानना है कि फिटनेस एक ऐसी चीज है जो समय के साथ सुधारी जा सकती है।
सहवाग से जब क्रिकबज से बात करते हुए एक फैन ने सवाल पूछा कि हार्दिक पांड्या गेंदबाजी के लिए फिट नहीं थे लेकिन उनको टीम में रखा गया, जबकि वरुण चक्रवर्ती गेंदबाजी के लिए तैयार थे लेकिन उनको फिटनेस टेस्ट के आधार पर नहीं रखा गया, ऐसा क्यों। इस पर वीरू ने कहा, "स्किल बहुत जरूरी है। अगर आज आप एक फिट टीम के साथ खेल रहे हैं और खिलाड़ियों में स्किल्स की कमी है तो आप मुकाबला हार जाएंगे। उनका चयन स्किल्स के आधार पर कीजिए, फिटनेस समय के साथ आ जाएगी। अगर एक खिलाड़ी फील्डिंग करने के साथ 10 ओवर कर सकता है तो इससे ज्यादा और कुछ जरूरत नहीं, बाकी चीजों के बारे में नहीं सोचना चाहिए।"
'अगर हमारे जमाने में होता, तो ये दोनों फेल हो जाते'
वीरेंद्र सहवाग ने साफ शब्दों में कहा कि अगर उनके जमाने में यो-यो टेस्ट होता तो कुछ खिलाड़ी इस टेस्ट को पास ना कर पाते। सहवाग ने जिन दो पूर्व दिग्गजों का नाम लिया, वो थे- महान पूर्व कप्तान सौरव गांगुली और दिग्गज पूर्व टेस्ट बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण।
वीरू ने बताया कि उन दिनों जब फिटनेस टेस्ट किया जाता था तब गांगुली और लक्ष्मण बहुत कम ही 12.5 का आंकड़ा हासिल कर पाते थे जो कि फिट साबित करने का आंकड़ा था। जहां तक बात है हार्दिक पांड्या की, तो वीरू ने साफ किया कि हार्दिक पांड्या को दौड़ने में दिक्कत नहीं है, बल्कि उनको काम के बोझ की वजह से गेंदबाजी नहीं कराई गई थी।
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