कोलकाता: एक तरफ जहां हर कोई लॉकडाउन के दौरान अपने घरों में है, ऐसे में पूर्व दिग्गज भारतीय क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण ने क्रिकेट से जुड़े रहने और खिलाड़ियों की मदद के लिए एक अलग तरीका निकाला है। जहां तमाम अन्य क्रिकेटर इन दिनों सोशल मीडिया पर चैटिंग करने में व्यस्त हैं, वहीं लक्ष्मण ने इस समय का सही उपयोग करने का फैसला किया और वो ऑनलाइन खिलाड़ियों को क्रिकेट का पाठ सिखा रहे हैं।
वीवीएस लक्ष्मण ने रणजी ट्रॉफी उप-विजेता बंगाल के बल्लेबाजों के लिए अपने पहले आनलाइन सत्र का संचालन किया। इस सत्र के दौरान लक्ष्मण ने मानसिक पहलुओं पर जोर दिया। अभिषेक रमन और काजी जुनैद सैफी के साथ लक्ष्मण ने 45-45 मिनट के दो अलग अलग सत्र का संचालन किया और इस दौरान बंगाल के कोच अरूण लाल, क्रिकेट संचालन मैनेजर जायदीप मुखर्जी और राज्य की अंडर-23 टीम के कोच सौराशीष लाहिड़ी भी मौजूद थे।
रमन को मिली खास सलाह
पिछले सत्र में अच्छी शुरुआत करने वाले सलामी बल्लेबाज रमन को बताया गया कि किस तरह विफलताओं से निपटा जाता है और कैसे दोबारा आत्मविश्वास हासिल किया जाता है। बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) द्वारा जारी बयान में रमन ने कहा, ‘‘हमने अपने पिछले सत्र के बारे में बात की। सत्र के दौरान मेरी मानसिकता कैसी रही। इस सत्र में काफी कुछ सीखने को मिला और पता चला कि सत्र के दौरान आने वाले उतार चढ़ाव को देखते हुए मानसिक तैयारी कैसे करनी है।’’ रमन ने सत्र की शुरुआत केरल और आंध्र के खिलाफ लगातार दो शतक के साथ की लेकिन अंतत: 10 पारियों में 25.37 के औसत से 406 रन ही बना पाए।
इन बातों पर दें ध्यान
इस ऑनलाइन ट्रेनिंग के दौरान वीवीएस लक्ष्मण ने बल्लेबाजों को बताया कि खराब शॉट खेलने से बचने के लिए कैसे अपने दिमाग को नियंत्रित किया जाए और साथ ही गेंदबाजी की अनुकूल पिचों पर पहले घंटे में बल्लेबाजी की अहमियत के बारे में भी बताया।
काजी को भी सिखाई तकनीक
डेब्यू करते हुए दो मैच खेलने वाले काजी को लक्ष्मण ने बताया कि कैसे आयु वर्ग के क्रिकेट से सीनियर स्तर पर आने के बदलाव से आसानी से निपटा जा सकता है। काजी ने कहा, ‘‘आज का सत्र बेहद महत्वपूर्ण और उपयोगी था। लक्ष्मण मेरे साथ अपने अनुभव साझा कर रहे थे, कैसे नर्वस होना सामान्य चीज है, संदेह हो सकता है लेकिन साथ ही अपने और अपनी क्षमताओं पर विश्वास रखने की जरूरत है।’’
बंगाल क्रिकेट संघ का शानदार प्रयास
क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल (कैब) ऑनलाइन सत्र जारी रखेगा जिसमें शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों पर अधिक ध्यान दिया जाएगा। बंगाल की टीम 13 साल के पहली बार रणजी ट्रॉफी फाइनल में पहुंची थी लेकिन इस दौरान उसे सबसे अधिक शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों ने ही निराश किया था। गौरतलब है कि अगर क्रिकेट के इस प्रारूप में युवा खिलाड़ियों को अगर कोई सयंमित रहते हुए शानदार बल्लेबाजी करने का पाठ कोई सिखा सकता था, तो वो वीवीएस लक्ष्मण ही हैं। लक्ष्मण ने लंबा समय घरेलू व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बिताया है, ऐसे में उनकी सीख बंगाल के य़ुवा खिलाड़ियों के लिए काफी काम आ सकती है।
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