गाबा: टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिस्बेन में चल रहे चौथे व अंतिम टेस्ट को रोमांचक मोड़ पर पहुंचा दिया है। ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी 369 रन के जवाब में भारत की पहली पारी 336 रन पर ऑलआउट हुई। भारतीय टीम ने 186 रन पर अपने शीर्ष 6 विकेट गंवा दिए थे और ऐसा लग रहा था कि मेजबान टीम को विशाल बढ़त मिल जाएगी। मगर अपना पहला टेस्ट खेल रहे वॉशिंगटन सुंदर ने शार्दुल ठाकुर के साथ मिलकर सातवें विकेट के लिए 123 रन की साझेदारी की और बाजी पलट दी। इस दौरान सुंदर-ठाकुर ने 30 साल पुराना रिकॉर्ड भी तोड़ दिया।
वॉशिंगटन सुंदर और शार्दुल ठाकुर ने गाबा के मैदान पर सातवें विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी करने का भारतीय रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। इस जोड़ी ने कपिल देव और मनोज प्रभाकर के 30 साल पुराने रिकॉर्ड को ध्वस्त किया। तब देव और प्रभाकर ने सातवें विकेट के लिए 58 रन की साझेदारी की थी। बता दें कि टीम इंडिया को 186/6 के स्कोर से उठाकर शार्दुल ठाकुर और वॉशिंगटन सुंदर ने 309 रन के स्कोर तक पहुंचाया था। पैट कमिंस ने ठाकुर को क्लीन बोल्ड करके इस साझेदारी को तोड़ा था। ठाकुर ने 115 गेंदों में 9 चौके और दो छक्के की मदद से 67 रन बनाए।
वहीं वॉशिंगटन सुंदर की पारी का अंत मिचेल स्टार्क ने किया। बाएं हाथ के बल्लेबाज ने 144 गेंदों में सात चौके और एक छक्के की मदद से 62 रन बनाए। वॉशिंगटन सुंदर ने इस दौरान एक और बड़ी उपलब्धि अपने नाम की। वह डेब्यू टेस्ट की पहली पारी में तीन विकेट और अर्धशतक जमाने वाले दत्तू फाडकर के बाद दूसरे भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं। दत्तू ने 1947 में यह कमाल किया था।
सुंदर ने सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 144 गेंदों में 62 रन बनाए, इस तरह वह डेब्यू टेस्ट में सातवें क्रम पर सबसे बड़ी पारी खेलने वाले चौथे भारतीय बल्लेबाज बन गए, उन्होंने 62 रन बनाते ही दिलावर हुसैन का 87 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया। तब दिलावर ने 1934 में इंग्लैंड के खिलाफ 57 बनाए थे। इस मामले में शीर्ष पर अभी भी राहुल द्रविड़ ही काबिज हैं। द्रविड़ ने 1996 में इंग्लैंड के खिलाफ 95 रनों की पारी खेली थी।
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